पिता को अधिकार है कि वे अपनी संपत्ति को अपने किसी पुत्र को दें या न दें।
|समस्या-
फरुक्खाबाद, उत्तर प्रदेश से सुशील कुमार ने पूछा है –
मेरे पिता जी ने एक भूखंड खरीद कर उस पर मकान बनाया तथा एक खेती की जमीन खरीदी। अब पिता जी उक्त मकान व खेती की जमीन को हम तीन भाइयों के स्थान पर मेरे दो भाइयों को ही देना चाहते हैं और मुझे वंचित करना चाहते हैं। मुझे क्या करना चाहिए?
समाधान-
किसी भी व्यक्ति द्वारा स्वयं अर्जित की गई संपत्ति या उत्तराधिकार में प्राप्त संपत्ति उस की निजि संपत्ति है। वह उस संपत्ति को किसी को भी विक्रय कर सकता है, दान कर सकता है, वसीयत कर सकता है। इन कार्यों को करने से उसे कोई बाधित नहीं कर सकता। आप के पिता की जो उक्त दो संपत्तियाँ आप ने बताई हैं ये उन के द्वारा स्वअर्जित संपत्तियाँ हैं और उन पर आप के पिता का पूरा अधिकार है कि वे इसे विक्रय कर दें किसी को उपहार में दे दें या किसी को वसीयत कर दें। उस मे किसी को भी आपत्ति करने का कोई अधिकार नहीं है।
यदि आप के पिता जी अपनी संपत्ति को अपने दो पुत्रों को देना चाहते हैं और आप को अर्थात तीसरे पुत्र को नहीं देना चाहते हैं तो यह उन का अधिकार है वे ऐसा कर सकते है। आप कानूनी रूप से कुछ भी नहीं कर सकते। आप केवल अपने पिता से निवेदन ही कर सकते हैं कि जब वे अपने दो पुत्रों को अपनी संपत्ति में से कुछ दे रहे हैं तो उन्हें आप को भी कुछ संपत्ति देनी चाहिए।
पुस्तैनी घर का बतरावा करने की कानूनी प्रक्रिया के बारे में पूरी जानकारी दे , इसमें विवाद करने वाले पर किस प्रकार कारवाही की जा सकती है