बिना न्यायालय की डिक्री के कब्जा नहीं हटाया जा सकता
|समस्या-
बाँसवाड़ा, राजस्थान से सकीना रतलामी ने पूछा है –
मेरे पापा का 1976 से एक प्लाट पर मकान बना हुआ है जिस में बिजली का कनेक्न भी मेरे पापा के नाम से लगा है। मगर अभी मार्च 2012 में मेरे पापा ने जमीन के मालिक से एक एग्रीमेंट कर लिया था जिस के अनुसार हमें उसे आठ लाख रुपया देना था। पर हम समय से वह राशि अदा नहीं कर सके। अब वह एग्रीमेंट के आधार पर पुलिस में रिपोर्ट लिखवा रहे हैं। क्या हमें वह मकान खाली करना पड़ेगा? पापा को क्या करना चाहिए?
समाधान-
यदि आप के पापा ने मकान खुद बनाया है और उस पर 1976 से कब्जा है बिजली कनेक्शन भी इतना ही पुराना है तो कब्जे के आधार पर उक्त मकान उन से खाली नहीं कराया जा सकता है। लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि आप के पापा ने भू-स्वामी से किस तरह का एग्रीमेंट किया है और उस में क्या लिखा है? फिर भी बिना कानूनी कार्यवाही के मकान खाली नहीं कराया जा सकता। यह एक दीवानी मामला है और पुलिस इस मामले में हस्तक्षेप नहीं कर सकती।
आप के पापा चाहें तो मकान से बेदखली के विरुद्ध न्यायालय से निषेधाज्ञा प्राप्त करने हेतु दीवानी वाद प्रस्तुत कर सकते हैं, जिस में न्यायालय यह आदेश दे सकता है कि आप के पापा से मकान न्यायालय के बेदखली के आदेश या डिक्री के बिना खाली न कराया जाए। इस मामले में आप के पापा को किसी अच्छे स्थानीय वकील से सलाह कर के कार्यवाही करनी चाहिए।