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बिना लिखित आदेश या नोटिस के बिना सेवा से पृथक किया है तो श्रम विभाग को शिकायत प्रस्तुत करें

retrenchmentसमस्या-

सुरेन्द्र कुमार ने जी ने गोलूवाला सिहागन, पीलीबंगा, जिला हनुमानगढ़ राजस्थान से समस्या भेजी है कि-

मैं उत्तराखंड की एम एण्ड एम लि. फैक्ट्री में 08 मई 2010 , 07 अगस्त 2012 तक इंजन विभाग केकी असेम्बली लाइन और टेस्टिंग में तीन शिफ्टों में रोटेशन में कार्य करता रहा। मुझे बिना नोटिस दिए ट्रेनिंग का हवाला देते हुए सेवा से हटा दिया। इस के पहले मैं 2009 में दो वर्ष की अप्रेंटिसशिप पूरी कर चुका था। मेरे वेतन से पीएफ, ईएसआई के अंशदान की राशि की कटौती होती थी तथा मुझे मकान किराया, वाहन, भोजन व चिकित्सा भत्ते मिलते थे तथा बोनस भी मिला था। मुझे क्या करना चाहिए?

समाधान-

दि कोई नियोजक किसी व्यक्ति को अपने उद्योग में नियोजित करता है तो एप्रेंटिसेज एक्ट 1961 में पंजीकृत किए गए एग्रीमेंट से नियोजित किए गए प्रत्येक कर्मकार के अलावा सभी कर्मकार उस उद्योग के कर्मकार होते हैं। आप की एप्रेंटिसशिप 2009 में ही पूर्ण हो चुकी थी। उस के बाद आप को उद्योग द्वारा नियोजित कर लिया गया था। इस तरह आप भी उद्योग के कर्मकार थे।

कोई भी नियोजक किसी व्यक्ति को ट्रेनी बताते हुए भी नियोजन दे सकता है लेकिन यह नियोजन भी एक नियमित नियोजन ही होता है। इस तरह के नियोजनों में जो नियुक्तिपत्र होता है उस में अक्सर एक शर्त होती है कि उन्हें किसी निश्चित अवधि के लिए ट्रेनिंग प्राप्त करने के लिए नियोजन दिया जा रहा है, ट्रेनिंग समाप्त होने के पश्चात कर्मकार का नियोजन स्वतः ही समाप्त हो जाएगा। यदि किसी कर्मकार के नियुक्तिपत्र में ऐसी कोई शर्त होती है तो वह अवधि या नियत तिथि आते ही कर्मकार का नियोजन वैधानिक रूप से समाप्त हो जाता है। ऐसा नियुक्तिपत्र कर्मकार को दिया जाना चाहिए पर अक्सर नियोजक अपने कर्मकार को ऐसे नियुक्ति पत्र की प्रतिलिपि प्रदान नहीं करता केवल नियोजन देते समय उस पर कर्मकार से हस्ताक्षर करवा कर अपने पास रख लेता है। ट्रेनिंग की निर्धारित अवधि समाप्त होने पर या निश्चित तिथि के उपरान्त ऐसे कर्मचारी को सेवा से हटा दिया जाता है। ऐसी सेवा समाप्ति को चुनौती नहीं दी जा सकती।

प के मामले में यदि आप के नियुक्ति पत्र में सेवा समाप्ति की कोई तिथि या नियोजन की कोई निश्चित अवधि अंकित है और आप को उस निश्चित अवधि समाप्ति के दिन अथवा उस निश्चित तिथि को सेवा से हटाया गया है तो आप के पास ऐसी सेवा समाप्ति को वैधानिक रूप से चुनौती देने का कोई मार्ग नहीं है। लेकिन यदि आप को ऐसी निश्चित अवधि समाप्त होने की तिथि के अथवा निर्धारित तिथि के कुछ दिनों के बाद सेवा से हटाया गया है तो आप अपनी सेवा समाप्ति को चुनौती दे सकते हैं।

हो सकता है आप को पता ही नहीं हो कि आप का नियुक्ति पत्र कैसा है या फिर उस में इस तरह की कोई शर्त है या नहीं है। ऐसी स्थिति में आप जिस क्षेत्र में उक्त उद्योग स्थित था उस क्षेत्र के श्रम विभाग के कार्यालय में एक आवेदन प्रस्तुत करें कि आप को दो वर्ष तीन माह की सेवा के बाद बिना किसी नोटिस, नोटिस वेतन या छंटनी का मुआवजा अदा किए बिना या ऑफर किए बिना सेवा से हटा दिया गया है जो कि औद्योगिक विवाद अधिनियम की धारा 25 एफ के प्रावधानों की पालना नहीं किए जाने के कारण उचित एवं वैध नहीं है। आप को पिछले पूरे वेतन व अन्य सुविधाओँ के साथ सेवा में रखवाया जाए। आप अपनी शिकायत प्रस्तुत करने के सबूत के रूप में एक प्रति पर श्रम विभाग से प्राप्ति स्वीकृति के हस्ताक्षर करवा कर मुहर अवश्य लगवा लें। श्रम विभाग आप की शिकायत को दर्ज कर के आप के नियोजक से इस शिकायत का उत्तर मांगेगा। यदि नियोजक उत्तर देता है तो आप की शिकायत और नियोजक के उत्तर के आधार पर श्रम विभाग को कोई औद्योगिक विवाद दिखाई पड़ता है तो वे आप दोनों के बीच कोई समझौता कराने का प्रयत्न करेंगे, समझौता न होने पर आप के विवाद को श्रम न्यायालय को भेजे जाने के लिए राज्य सरकार को रिपोर्ट भेज देंगे।

क्त शिकायत किए जाने के दिन से 45 दिनों के भीतर श्रम विभाग उक्त कार्यवाही पूर्ण कर के कोई नतीजा देता है तो ठीक है अन्यथा आप शिकायत की प्राप्ति स्वीकृति वाली प्रति के साथ सीधे श्रम न्यायालय को अपना विवाद प्रस्तुत कर सकते हैं जिसे राज्य सरकार द्वारा प्रेषित रेफरेंस की तरह श्रम न्यायालय द्वारा निर्णीत किया जाएगा। चूंकि मामले में कानूनी बिन्दु बहुत महत्व के हैं इस कारण से श्रम कानूनों के जानकार और इस तरह का काम करने वाले किसी ट्रेडयूनियन के पदाधिकारी या किसी वकील की मदद लेना आप के लिए हितकर होगा।