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बेदखली से बचने के लिए स्थायी निषेधाज्ञा का वाद संस्थित करें और अस्थाई निषेधाज्ञा प्राप्त करें।

समस्या-

राहुल ने A-12 कोटला, मुबारकपुर, नई दिल्ली से पूछा है-

मेरे ताऊ मुझे मेरे मकान से हटा कर खुद कब्जा करना चाहते हैं। मेरे मकान की रजिस्ट्री नहीं है। मैं अपने मकान पर पिछले 32 सालों से रहता आ रहा हूँ। मेरे पास 1988 के गैस कनेक्शन की पासबुक है। जिस पर मेरा नाम और घर का पता लिखा हैं और 2012 के बिजली बिल, वोटर कार्ड आदि हैं। अभी मैं भी उसी पते पर रहता हूँ। मेरे ताऊ ने कुछ दिन पहले उस पर कब्जा करने की कोशिश की पर वो असफल रहे और उनके खिलाफ FIR हो गयी। जिसमें घर मे घुसने के धारायें लगी हैं। मैं उसने अपने मकान को बचने के लिए क्या करूँ?

समाधान-

आप मकान पर काबिज हैं और एक लंबे कब्जे के दस्तावेजी सबूत आप के पास हैं। जबरन कब्जा करने का आप के ताऊ का प्रयास असफल हो चुका है। ताऊ पर अपराधिक प्रकरण भी दर्ज हो चुका है और चल रहा है। इस कारण आप अभी राहत में हैं। तुरन्त आप को कुछ भी करने की जरूरत नहीं है।

पहले से ही मकान पर कब्जा करने का अपराधिक मुकदमा चलते रहने के कारण यह तो साबित है ही कि कब्जा अभी आप के ताऊ का न हो कर आप का है। अब वे जबरन कब्जा करने की कोशिश नहीं करेंगे। करते हैं तो फिर से एक अपराधिक मुकदमा उन पर बन जाएगा।

फिर भी आप यदि सोचते हैं कि ताऊ किसी प्रकार से आप को मकान से बेकब्जा करने का प्रयत्न कर सकते हैं तो आप अपने ताऊ और अन्य व्यक्ति जिन से आप को ऐसा अंदेशा हो उन के विरुद्ध इस आशय स्थायी निषेधाज्ञा का वाद दाखिल कर सकते हैं कि प्रतिवादीगण आप को बिना वैधानिक प्रक्रिया अपनाए बेदखल न करें। इस वाद में ही अस्थायी निषेधाज्ञा का प्रार्थना पत्र दाखिल कर अस्थायी निषेधाज्ञा आप प्राप्त कर सकते हैं।

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