भाई के सेवा लाभों में उसकी पत्नी और संतानों का ही अधिकार है, अन्य को कुछ प्राप्त नहीं हो सकेगा।
समस्या-
पुष्पराज जाटव ने माता वार्ड, गाडरवारा, जिला नरसिंहपुर, मध्यप्रदेश से पूछा है-
मेरे पिता एमपी के पुलिस में आरक्षक के पद पर थे। उनका सेवा में रहते हुए देहान्त हो जाने के कारण उनके तीन पुत्रों में से बड़े बेटे को अनुकम्पा नियुक्ति प्राप्त हुई। उसका परिवार बन गया, बीबी बच्चे। अब उसकी भी मृत्यु हो गई। उसकी पत्नी ने अनुकंपा प्राप्त कर ली। अब हम दो भाई और माता हैं। वह हमें कुछ भी देने से इंकार कर रही है। हम क्या करें।
समाधान-
किसी भी सरकारी कर्मचारी की सेवा में रहते हुए मृत्यु हो जाने पर ग्रेच्युटी, प्रोविडेण्ट फण्ड, बकाया वेतन आदि लाभ प्राप्त होते हैं। यदि इन लाभों के लिए कोई नोमिनेशन हो तो नोमिनेटेड व्यक्ति को ये लाभ प्राप्त होते हैं। इसके अतिरिक्त पत्नी और नाबालिग बच्चों को पेंशन प्राप्त होती है। सेवा में रहते हुए मृत्यु होने के कारण परिवार के एक व्यक्ति को अनुकम्पा नियुक्ति प्राप्त होती है। जिसमें यह शर्त होती है कि नियुक्ति प्राप्त व्यक्ति परिवार के अन्य सदस्यों का ध्यान रखेगा।
आपके पिता की मृत्यु के समय ये सब लाभ आपकी माताजी को तथा पुत्रों को प्राप्त हुए होंगे। अनुकम्पा नियुक्ति केवल एक सदस्य को मिल सकती थी। वह आपके बड़े भाई को मिली। आपकी माताजी को आज भी पेंशन प्राप्त हो रही होगी।
अब भाई की मृत्यु हो जाने पर उसके स्थान पर उसकी पत्नी को अनुकम्पा नियुक्ति प्राप्त हुई है जो उसका अधिकार था। आपके भाई के परिवार में उसकी पत्नी, बच्चों और आपकी माताजी सम्मिलित हैं यदि आप भाई बहन बालिग हैं तो वे उसके परिवार के सदस्य नहीं हैं। आपकी माताजी को पेंशन प्राप्त हो रही होगी तो वे भी आपके भाई पर आश्रित नहीं रहे।
आपके भाई को अनुकम्पा नियुक्ति अवश्य प्राप्त हुई लेकिन उसने ग्रेच्युटी, प्रोविडेण्ट फण्ड आदि जो कुछ भी कमाया वह आपके भाई के श्रम का नतीजा है। यदि इन लाभों में कोई नोमिनेशन नहीं है तो आपकी माताजी को उसका कुछ अंश और उसकी अचल संपत्ति का एक अंश प्रथम श्रेणी की उत्तराधिकारी होने के नाते प्राप्त हो सकता है। क्या प्राप्त हो सकता है इस का अनुमान हम नहीं कर सकते। इसीलिए आपसे पूछा गया था कि आप किन किन लाभों की बात कर रहे हैं? लेकिन आपने हमारे इस प्रश्न का उत्तर नहीं दिया। हम यह बता सकने में असमर्थ हैं कि आपकी माताजी को क्या मिल सकता है।
वस्तुतः इस मामले में आप बहन भाइयों को कुछ भी प्राप्त करने का अधिकार नहीं है। इसलिए इस कवायद को यहीं बंद करें। आप कोशिश करके भी कुछ प्राप्त नहीं कर सकेंगे।
Pushpraj gadarwara se uski karyalay ki sava abhilekho me nomini Mata h use uttradhikariyo ko national pansion scheem and police salary package prapt hona h
यदि नोमिनी माँ है तब भी वह केवल ट्रस्टी है। उत्तराधिकारियों को धनराशि प्राप्त होगी। जिसमें आपकी माता, भाभी और बच्चे शामिल हैं। सभी को बराबर राशि पर अधिकार है।
पुष्पराज जी आपने फिर से एक सवाल हमें भेजा है। आप यह सब एक बार में पूछ सकते थे। सक्सेशन सर्टिफिकेट में जनरल नोटिस निकाला जाएगा। आप उसका इंतजार कर सकते हैं और स्वयं अदालत में उपस्थित हो कर अपनी आपत्तियाँ / जवाब प्रस्तुत कर सकते हैं। पेंशन तो पत्नी और बच्चों को ही मिलेगी। पत्नी को अनुकंपा नियुक्ति मिलेगी। अन्य सभी लाभों में आपकी माताजी को उनका हिस्सा प्राप्त होगा। एक्सीडेंट क्लेम में माता को भी क्लेम पिटीशन दाखिल करना चाहिए। उन्हें उनका हिस्सा मिलेगा।किसी अच्छे वकील से मिलिए और कार्यवाही कराइए।
दिनेशराय द्विवेदी का पिछला आलेख है:–.भाई के सेवा लाभों में उसकी पत्नी और संतानों का ही अधिकार है, अन्य को कुछ प्राप्त नहीं हो सकेगा।