भू-हस्तान्तरण का पंजीकरण करवाएँ, उस के तथा बंटवारे के हिसाब से नामान्तरण करवाएँ।
कठिया, जिला रायपुर, छत्तीसगढ़से मुकेश वर्मा ने पूछा है-
मेरे पिता और उनके तीन भाई मेरे बड़े पिता जी और दो चाचाओं के बीच मौखिक बटवारासन् 89-90 में हुआ (सभी के हिस्से में लगभग 22-22 एकड़) है। हमारी जमीनदो गांवो में बंटा है। जिस में से लगभग 12 एकड़ एक गांव (कठिया) व 12 एकड़दूसरें गांव (डिघारी) में हिस्सेदारी में मिला है। सभी अपने अपने हिस्सेपर खेती-किसानी कर रहेहै। मेरे पिता जी और मेरे छोटे चाचा जी आपसी सहमतिसे एक-एक गांव की जमीन पर (मेरे पिता जी कठिया में और मेरे चाचा जी डिघारीमें) खेती कर रहे है। लेकिन मेरे पिता जी और मेरे छोटे चाचा का सम्मिलातखाता है। अब मैं भी खेती किसानी का काम सम्भालने वाला हूँ और सम्मिलितखातिको अलग-अलग करवाना चाहता हूं। वही कठिया की कुछ जमीने गांव के हीएक अन्य किसान से बदली किया गया है लेकिन उसका भी अभी तक नामांतरण नहीं हुआहै। कृपया मार्गदर्शन करें।
समाधान-
आप की जमीन रिकार्ड के हिसाब से अभी तक शामलाती ही है, अर्थात सारी जमीन पर सभी भाई काबिज हैं। बस आप लोगों ने पारिवारिक जरूरतों के हिसाब से उन पर कब्जा कर लिया है और अपना काम चला रहे हैं। आप के पिता और उन के भाइयों को चाहिए कि वे अपनी जमीन के बंटवारे का समझौता कर के उसे राजस्व विभाग में प्रस्तुत कर अलग अलग नामांतरण करवा लें। नामान्तरण अलग अलग हो जाने पर सब अपनी अपनी जमीन पर काबिज हो जाएंगे और राजस्व विभाग में भी खाते अलग अलग हो जाएंगे।
कठिया की जमीन जो किसी किसान से बदली की गई है वह सीधे सीधे स्थाई संपत्ति का हस्तान्तरण है जिस का पंजीकरण होना आवश्यक है। जब जमीन के बदले जमीन ली जाती है तो उस के हस्तान्तरण के विलेख का पंजीकरण होना आवश्यक है। इस तरह के पंजीकरण में स्टाम्प ड्यूटी कम लगती है। जिस किसान की जमीन है उस के साथ मिल कर आप को जमीन के हस्तान्तरण का विलेख उप पंजीयक के यहाँ पंजीकृत करवा लेना चाहिए और उस पंजीकृत विलेख को राजस्व विभाग में प्रस्तुत कर उस के हिसाब से नामान्तरण करवा लेने चाहिए। इस से आगे आप को परेशानी नहीं होगी। इस सम्बन्ध में आप को किसी स्थानीय राजस्व वकील से सलाह ले कर सब कार्य करने चाहिए।
विवादग्रस्त भुमि में से वादी गण के कब्जे वाले उनके स्वामित्व में जो भूमि है उन्हें प्रतिवादी क़माक एक के द्वारा ही दिया गया था लेकिन बंटवारे पर यह विचारणीय प्रश्न था कि क्या वादी गण , वादीगण व प़तिवादीगण के मध्य की वर्तमान पैतृक सम्पत्ति के १/२ के मालिक हैं या नहीं तथ्य था कि वादी गण प़तिवाद क़, एक की पहली पत्नी के पुत्र थे तथा शेष चार प़तिवाद क़ एक की दूसरी पत्नी के पुत्र थे जिससे सम्पत्ति के बंटवारे में प़त्येक ६ पुत्र के साथ पिता तथा पुत्र की दोनों माता को संयुक्त रूप से एक अंश कहा गया था इस प्रकार से निर्णय के अनुसार डिग्री दी गई थी अब प़तिवादी क़ं,्एक को प्राप्त होने वाली भूमि में प़त्येक हिस्सेदार को १/८ भाग भूमि का अधिक कारी है मिले सुझाव के अनुसार डिग्री का निष्पादन हेतु आवेदन पत्र दिया जायेगा
सुझाव के लिए धन्यवाद
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मेरी ने मेरे पिता जी की मौत के वाद दूसरी सादी कर ली थी मे मां प्रापटी वालाघाट मे है आधा मेरी मां का व आधा मेरे पालक पिता के नाम हैं मेरी मां की मौत हो चुकी है परंतु अब पालक पिता मुझे हिस्सा देने से इनकार कर रहे है मेरी वहन को वस देगे उनका कहना हैं कया मुझे मेरी मां की जायदाद में हिस्सा मिलेगा ! में आगे कया करू
महोदय आपका सुझाव बहुत अच्छा लगा मै पटवारी से मिलकर रिकॉर्ड चेक करके किसी राजस्व वकील के मार्फत आवेदन पेश करूँगा।
सुझाव के लिए धन्यवाद