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मुकदमे से जुड़े हर मामले में अपने स्थानीय वकील से सलाह लें।

Lawyers in courtसमस्या-

नाज़िया ने कानपुर, उत्तरप्रदेश से पूछा है-

मेरी शादी उन्नाव में 2011 में हुई थी शादी के कुछ समय बाद से ही मैं अपने मायके में हूँ। मैं ने जून 2013 को कानपुर महिला थाने में धारा 498अ में एफआईआर दर्ज कराई थी। उस के बाद मेरा केस मध्यस्थता के लिए भेज दिया गया। छह माह बाद मध्यस्थता असफल हो गयी। पुलिस ने आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत कर दिया। कोर्ट ने मुलजिमों के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी किया जिस में से 3 मुलजिमों के लिए उन्नाव और एक मुलजिम के लिए वारंट इलाहाबाद भेजा गया। लेकिन मुलजिमों ने बचने के लिए फरार होकर इलाहाबाद में छुप गए। पुलिस उन्नाव में जा कर दबिश डाल रही है पर वहाँ कोई नहीं मिलता। पुलिस इलाहाबाद में दबिश नहीं डाल रही है। मेरा एक केस 125 में भी चल रहा है वह एकतरफा घोषित हो गया है। मुझे न्याय नहीं मिल पा रहा है। मुझे सुझाएँ कि अब कोर्ट की क्या प्रतिक्रिया होगी? मुझे कोर्ट में क्या अर्ज़ी लगानी चाहिए ताकि पुलिस उनको अरेस्ट करके कोर्ट के सामने प्रस्तुत कर सके और आगे की कार्यवाही शुरू हो सके।

समाधान-

प ने धारा 125 दंड प्रक्रिया संहिता का मुकदमा किया हुआ है, उस के लिए तथा अन्य कार्यों के लिए आप ने वकील तो किया ही होगा। आप को अपने मामले में अपने वकील से ही सारी सलाह लेना चाहिए क्यों कि वह आप के मुकदमे की सारी कार्यवाहियों और उत्तर प्रदेश में अदालतों व पुलिस के काम करने के तरीकों और गति से वाक़िफ है और उचित व बेहतर सलाह दे सकता है।

प का 125 दंड प्रक्रिया संहिता का मामला सही चल रहा है। आप के पति के न आने से वह एक तरफा हो चुका है। आप के बयान हो जाने के बाद उस में निर्णय हो जाएगा आप का निर्वाह भत्ता निश्चित हो जाने और पति द्वारा न देने पर उस की वसूली की कार्यवाही कर के वारंट निकलवाएँ।

प के विरोधी बचने की कोशिश कर रहे हैं। उन की कोशिश होगी कि किसी तरह उन्हें समय मिल जाए तो वह उच्च न्यायालय से प्रथम सूचना रिपोर्ट को ही निरस्त करवाने की कोशिश करें। यह काम हर कोई करता है। इस में कुछ भी अनायास नहीं है। यदि आप को पता है कि वे इलाहाबाद में छुपे हैं तो आप न्यायालय को आवेदन प्रस्तुत कर कह सकती हैं कि मुलजिम इलाहाबाद में छुपे हैं, वारंट इलाहाबाद पुलिस को भेजे जाएँ। उस के बाद आप पुलिस को बात सकती हैं कि मुलजिम कहाँ छुपे हैं। इस से उन्हें गिरफ्तार करने में पुलिस को मदद हो सकेगी।

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