लापता व्यक्ति से उधार दिया गया धन कैसे वसूल करें?
|समस्या-
मैंने एक व्यक्ति को ३,००,००० लाख रूपये उधार दिए थे। किन्तु अब वह व्यक्ति गुमशुदा हो गया है जिसकी सूचना उसके परिवार वालों ने पुलिस थाना में भी की हुई है। परन्तु २ माह बाद भी उसका कोई पता नहीं चल सका है। अपना रुपया प्राप्त करने के लिए क्या कर सकता हूँ? क्या मैं उसके परिवार वालो पर भी १३८ का केस कर सकता हूँ?
-अंकित शरण, देहरादून, उत्तराखंड
समाधान-
आप उस व्यक्ति के परिवार वालों के विरुद्ध धारा 138 परक्राम्य अधिनियम के अंतर्गत मुकदमा नहीं कर सकते। वैसे भी आप यह मुकदमा तभी कर सकते हैं जब कि उस व्यक्ति ने उक्त राशि के भुगतान के लिए आप को चैक दिया हो और वह चैक अनादरित हो गया हो। अनादरण की सूचना मिलने के 30 दिनों के भीतर आप ने उसे उस व्यक्ति के पते पर नोटिस भेजा हो जो उस पते पर किसी के द्वारा प्राप्त कर लिया गया हो। ऐसा नोटिस प्राप्त कर लेने से 15 वें दिन की तिथि से एक कैलेंडर माह के भीतर ही आप मुकदमा कर सकते हैं। धारा 138 परक्राम्य् अधिनियम का मुकदमा रुपया वसूली के लिए नहीं अपितु चैक अनादरण के लिए होता है और यह एक अपराधिक मुकदमा होता है। जिस में सजा के साथ चैक राशि से दुगने जुर्माने/ हर्जाने का आदेश दिया जा सकता है जिसे परिवादी अर्थात मुकदमा प्रस्तुत करने वाले को दिलाया जा सकता है। अपराधिक मुकदमा होने के कारण यह उसी व्यक्ति के विरुद्ध किया जा सकता है जिस ने चैक दिया है। आप उस व्यक्ति के लापता हो जाने पर भी यह मुकदमा उक्त प्रकार से निर्धारित अवधि में कर सकते हैं। लेकिन मुकदमा तब तक अटका रहेगा जब तक कि उस व्यक्ति का पता नहीं लग जाता है और न्यायालय का समन तामील हो कर वह व्यक्ति न्यायालय के समक्ष उपस्थित नहीं हो जाता है। आप उस के पता लगने का इंतजार करेंगे तो समय निकल जाएगा और फिर आप यह मुकदमा नहीं कर सकते।
हाँ, आप उस व्यक्ति के विरुद्ध रुपया वसूली के लिए दीवानी वाद संस्थित कर सकते हैं। लेकिन आप को उस में वसूली जाने वाली राशि पर न्यायालय शुल्क अदा करना पड़ेगा। इस मुकदमे में भी समन का उस व्यक्ति पर तामील होना आवश्यक है। उस के उपरान्त वह व्यक्ति यदि उपस्थित न हो तो मुकदमे में एक-तरफा सुनवाई की जा कर निर्णय व डिक्री प्राप्त की जा सकती है। उस व्यक्ति के कभी भी न आने की स्थिति में 7 वर्ष के उपरान्त उसे मृत मान कर उस के उत्तराधिकारियों से रुपया वसूल किया जा सकता है। वैसे आम तौर पर इस तरह लापता व्यक्ति से रूपया वसूल कर पाना असंभव जैसा होता है।
पर कर्ज का पैसा उत्तराधिकारी से वसूल किया जा सकता है यह बात समझ में नहीं आ रही है.
इसका मतलब क्या यदि किसी के पिता किसी से कर्ज लिए थे और यदि उनका निधन हो गया तो क्या वह कर्ज का पैसा उसे या उसकी माँ को चुकता करना होगा?
हाँ, यदि उत्तराधिकारी संपत्ति का उत्तराधिकार प्राप्त करता है। वह उधार दिए गए धन को वसूल कर सकता है तो उधार लिए गए धन को चुकाने का भी उसी का दायित्व है।
दिनेशराय द्विवेदी का पिछला आलेख है:–.अपराध के लिए न्यायालय में परिवाद और रुपया वसूली के लिए दीवानी वाद प्रस्तुत करें
मेरे बड़े भाई को भी लापता हुए चार साल हो चुके है ! इसी परेशानी हमारे साथ भी आई उसने दोस्तों के साथ छ लाख लगा कर व्यापार शुरू किया और तीन महीने बाद गायब हो गया ! भाभी को कुछ नहीं मिला वो घाटा बताकर गायब हो गए और मुकर गए की हम पार्टनर थे ! कोई कागज नहीं था isliye हम कुछ नहीं कर पाए!