विवाह के पूर्व ही मृत्यु हो जाने पर संपत्ति का उत्तराधिकारी कौन होगा?
02/08/2011 | Hindu, Legal Remedies, Property, Succession, उत्तराधिकार, कानूनी उपाय, संपत्ति, हिन्दू | 4 Comments
| विनोद कुमावत ने पूछा है –
मैं जानना चाहता हूँ कि मेरे पिता के भाई अविवाहित थे तभी उन का देहान्त हो गया था। उन की संपत्ति का उत्तराधिकारी कौन होगा?
उत्तर –
विनोद जी,
एक हिन्दू की संपत्ति का उत्तराधिकार हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम से शासित होता है। पुरुषों का उत्तराधिकार अधिनियम की धारा-8 से शासित होता है। इस अधिनियम के अंतर्गत एक अनुसूची दी गई है। इस अनुसूची में उत्तराधिकारियों को कुछ श्रेणियों में विभाजित किया गया है। यदि किसी हिन्दू पुरुष का देहान्त हो जाता है तो सब से पहले इस अनुसूची की प्रथम श्रेणी में वर्णित जितने भी उत्तराधिकारी हैं संपत्ति उतने ही भागों में विभाजित की जाती है और प्रत्येक उत्तराधिकारी को एक भाग प्राप्त होता है। इस अनुसूची की प्रथम श्रेणी के जितने भी उत्तराधिकारी संबंधी हैं उन में माता को छोड़ कर सभी उत्तराधिकारी ऐसे हैं जो कि विवाह संबंध से ही उत्पन्न होते हैं। यदि आप के चाचा जी का विवाह नहीं हुआ था और उन के देहान्त के समय आप के चाचा जी की माता जी अर्थात आप की दादी जी जीवित थीं तो आप के चाचा जी की सारी सम्पत्ति आप की दादी जी को प्राप्त होगी।
लेकिन यदि आप की दादी का देहान्त आप के चाचा जी के देहान्त के पूर्व हो चुका था तो फिर प्रथम श्रेणी का कोई भी उत्तराधिकारी जीवित नहीं होगा और संपत्ति द्वितीय श्रेणी के उत्तराधिकारियों को क्रम से प्राप्त होगी। उस समय यदि आप के दादा जी जीवित थे तो सम्पत्ति उन्हें प्राप्त होगी। यदि वे भी जीवित नहीं थे तो फिर चाचा जी की संपत्ति उन के भाई-बहनों की संख्या के बराबर भागों में विभाजित की जा कर प्रत्येक भाग प्रत्येक भाई और बहन को प्राप्त होगा। यदि कोई भाई और बहिन जीवित नहीं था तो भाइयों और बहनों के पुत्र-पुत्रियों की संख्या के समान हिस्सों में विभाजित की जाएगी और प्रत्येक को एक भाग प्राप्त होगा। यदि इन में से भी कोई जीवित न हो तो आगे भी व्यवस्था की गई है। लेकिन आप स्वयं एक भाई के पुत्र हैं। इसलिए इस प्रश्न का उत्तर यहीं समाप्त हो जाता है। अब आप अपने परिवार की स्थिति के अनुसार आकलन कर लें कि आप के चाचा जी की सम्पत्ति का उत्तराधिकारी कौन होगा।
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4 Comments
dhanyawaad.
mahesh
गुरुवर जी, बहुत अच्छी जानकारी दी.कुछ जिज्ञासा है कृपया समाधान करें
१.क्या तलाकशुदा पुत्र या पुत्री द्वारा स्वयं आर्जित संपत्ति के मामले में भी ऊपर लिखित नियम के अनुसार पालन होगा?
२.क्या एक डिप्रेशन का मरीज स्वयं आर्जित संपत्ति की वसीयत कर सकता है और सुरक्षा के मद्देनजर किन उचित क़दमों को उठाना जरुरी होता है? क्या ऐसे मामले में वसीयत का पंजीकरण बहुत ज्यादा जरुरी होता है और क्या वसीयत करने से पहले डाक्टर(मनौचितक्सक)से प्रमाण पत्र लेना होगा.
इस लिहाज से अविवाहित पुत्र की अर्जित सम्पत्ति पर सम्पूर्ण हक उसकी मां का होगा। मैं तो सोचा करता था कि माता और पिता दोनो का आधा आधा हक होगा।
आभार,
अच्छी जानकारी,आभार.