संपत्ति में जिस का अधिकार नहीं उसे संपत्ति से बेदखल नहीं किया जा सकता।
|आनन्द सिंह ने गया, बिहार से समस्या भेजी है कि-
मेरे दादा जी जो एक प्रतिष्ठित डॉक्टर थे, उन के पाँच पुत्र हैं, ने मरने से पहले अपने पुरी संपत्ति का वसीयत क्रमशः अपने तीन पुत्रों के नाम कर दी और अपने दो पुत्रों को पाँच–पाँच बीघा जमीन ही दिया। मकान में भी एक एक कमरा रहने के लिए दिया। उन की मृत्यु 1996 में हुई, वसीयत में उन्होंने अपने बड़े पुत्र को केअर टेकर बनाया जो खुद निःसन्तान हैं और अपने छोटे भाई के बड़े पुत्र को गोद लिया है। वसीयत और उनकी मृत्यु के समय उनके पाँच पोते बालिग थे जिसमे से तीन पोते उन दो लड़कों के हैं जिनको उन्होंने अपनी संपत्ति से बेदखल किया है। यहाँ गौर करने वाली बात ये है कि वसीयत में उन्होंने कहीं नहीं लिखा है की मैं अपने दोनों पुत्रों को उनके बेटों सहित अपनी संपत्ति से बेदखल करता हूँ। आप ये बताएँ कि क्या मेरे दादा जी के संपत्ति में हम पोतों का अधिकार होता है कि नहीं। मेरे बड़े चाचा जो अपने छोटे भाई के बड़े बेटे को गोद लिए हुए हैं, अब सारी संपत्ति उसके नाम से वसीयत करने जा रहे हैं। जब कि उनको मेरे दादा ने केवल अपनि संपत्ति का केअर टेकर बनाया है। क्या ऐसा संभव है कि वो हम सबका हक़ उसके नाम कर दें। एक बात और है उन्होंने बिना किसी दत्तक ग्रहण कानून के ही उसको गोद लिया है और इसका कोई भी कानूनी कागजात उपलब्ध नहीँ है। क्या दादा की संपत्ति में हम निर्दोष पोतों का हक़ नहीं है, अगर हमारा हक़ बनता है तो हम उसको कैसे हासिल कर सकते है? मेरे बड़े चाचा ने उस जमीन पर गन्ना और मसालों की खेती करके 1996 से अबतक पचास लाख और आम लीची के बगीचे से लगभग चालीस लाख और सूखे पेडों को बेचकर पंद्रह लाख रुपये गबन कर लिए हैं और अब उसी पैसे से नया घर बनवा रहे हैं। उन का इरादा है कि नया घर जो छोटा है (चार कमरे का) के बनते हीं पुराना घर तोड़वा दें। ताकि हम गांव छोड़कर कहीं और चले जाएँ। मेरे एक चाचा ने उन की वसीयत को कोर्ट में चॅलेंज किया था जो ख़ारिज हो चुका है। वो पहले से हीं बहुत पैसे वाले हैं और मेरे बड़े चाचा वकील भी हैं। आप से करबद्ध प्रार्थना है कि हमारी जल्द से जल्द मदद करें ताकि हम अपना पुराना हीं सही घर टूटने से बचा लें।
समाधान –
किसी की भी निजी संपत्ति में किसी रिश्तेदार का हक नहीं होता, पुत्रों और पत्नी का भी नहीं। संपत्ति का स्वामी अपने जीवनकाल में अपनी सारी संपत्ति को कैसे भी ठिकाने लगा सकता है या वसीयत कर सकता है। वसीयत करने पर वसीयत कर्ता के जीवनकाल में संपत्ति उसी की रहती है लेकिन उस की मृत्यु के साथ ही वसीयत के अनुसार संपत्ति पर उन का अधिकार हो जाता है जिन्हें संपत्ति दी गयी है। कोई भी वसीयत कर के किसी संपत्ति में किसी को उस के अधिकार से बेदखल नहीं कर सकता। मसलन मेरी संपत्ति मेरे जीतेजी मेरी है। उस में मेरी संतानों, संतानों की संतानों का कोई अधिकार नहीं होता। मैं उसे कैसे भी ठिकाने लगाऊँ मेरी मर्जी या वसीयत करूँ। मुझे किसी वसीयत में यह लिखने की जरूरत नहीं है कि मेरी कोई संपत्ति से किसी खास बेटे या पोते को बेदखल करता हूँ। मृत्यु के बाद मृतक की वह संपत्ति जो निर्वसीयती है अर्थात जिस की वसीयत मृतक ने नहीं की है उस में उस के उत्तराधिकारियों का अधिकार उत्पन्न होता है।
आप के दादा ने अपनी संपत्ति की वसीयत कर दी। दो बेटों को केवल पाँच पाँच बीघा भूमि दी तो उन की मर्जी ऐसी ही थी। या तो यह सिद्ध किया जाए कि वसीयत फर्जी थी या कानून के अनुसार नहीं थी,या फिर यह साबित किया जाए कि जिस संपत्ति की दादा जी ने वसीयत की थी वह उन की निजी संपत्ति न हो कर पूरे परिवार की पुश्तैनी या संयुक्त संपत्ति थी। यदि ऐसा साबित करें तो जिन के नाम वसीयत नहीं है वे अपना अधिकार बता कर उस में से कानून के अनुसार बँटवारे का दावा कर सकते हं। लेकिन उस वसीयत के विरुद्ध एक वाद पहले ही खारिज हो चुका है इस कारण आप के मामले में ये दोनों बातें सही नहीं हो सकतीं।
जो पाँच पाँच बीघा जमीन दो भाइयों को मिली है उसे उन से कोई नहीं छीन सकता। उसी तरह रहने को जो घर दिया गया है उसे भी कोई नहीं छीन सकता है न उसे गिराया जा सकता है। केयर टेकर किसी संपत्ति का मालिक नहीं होता। वह केवल देखरेख कर सकता है। उन घरों में रहने वाले जिन्हें उस घर को गिराए जाने से आपत्ति है वे दीवानी अदालत से घऱ को गिराए जाने के विरुद्ध स्थाई और अस्थाई निषेधाज्ञा का आदेश प्राप्त कर सकते हैं। इस से अधिक कुछ नहीं।
Hi kavita mere papa ki main ek beti hu .or mere papa ne apni patni or apni beti ko jamin jaydad se bedkhal KR diya hai.Jo mere Dada ki thi. Unhone news paper me nikalwa diya h or.meri sadi ho chuki hai. Aap Hume ye btaye ki unki patni or beti mil KR case KR sakti h kya un PR.
क्या पिता अपने पैत्रक मकान का बटवारा अपने पुत्रो में अपने जीवित रहते कर सकता है? यदि कर सकता है तो कैसे मतलब लिखा पढ़ी में स्टाम्प पे।
यशवर्धन
लखनऊ 9670778830