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सुखाधिकार के आधार पर मार्ग को अवरुद्ध न करने के लिए व्यादेश के लिए वाद संस्थित करें

समस्या –

गणेश कुमार ने गाँव-नरहैया, जिला -मधुबनी, राज्य-बिहार से पूछा है-

मेरा घर (निवास स्थान)  चारो तरफ से दूसरे के जमीन से घिरा हुआ है, लगभग दो पीढ़ी से किसी तरह वहाँ गुजर -बसर कर रहे हैं। जिस आदमी का वह जमीन है, वह एक जमींदार भी है। घर से बाहर निकलने के लिए कभी वह रास्ता देता है, कभी वह घर के आसपास अपना सामान रख देता है।  उसे मैं अपना जमीन देकर साइड हो जाना चाहता हूँ, लेकिन वह न तो अपना जमीन देता है और न ही मुझे साइड करता है। इस हेतु क्या मैं सिविल वाद दायर कर सकता हूँ। यह वाद कहाँ दायर होगा, कृपया विस्तृत जानकारी दें।

समाधान-

आपने अपने प्रश्न में बहुत सारा जरूरी विवरण नहीं दिया है। जैसे यह जमीन आपके पास कैसे आयी, आपका उस जमीन और घर पर किस तरह से स्वामित्व है? यदि यह जमीन कई पीढ़ियों से वहाँ है और चारों और किसी दूसरे की भूमि है तो निश्चित रूप से आप अपने घर जाने आने कि लिए नियमित रूप से किसी न किसी रास्ते का इस्तेमाल करते होंगे। क्योंकि रास्ते के बिना तो उस घर में निवास करना असम्भव है। यदि आप किसी रास्ते का उपयोग करते हैं करते हैं तो वह कितना चौड़ा है और आगे मुख्य सार्वजनिक रास्ते पर कहाँ जा कर मिलता है और वह सार्वजनिक मार्ग कितना चौड़ा है?

आपने लिखा है कि दो पीढ़ियों से आप उस घर में किसी तरह रह रहे हैं और आपके घर के आसपास जिसकी जमीन है वह रास्ता भी देता है लेकिन कभी कभी सामान रख कर अवरुद्ध कर देता है। इसका सीधा अर्थ यही है कि आप कम से कम बीस वर्षों से उस जमींदार की भूमि में हो कर आ-जा रहे हैं। जिस मकान को आप अपना कहते हैं यदि वह आपके या आपके परिवार के किसी सदस्य के स्वामित्व का है तो आपको उस जमींदार की भूमि पर से मार्ग का सुखाधिकार प्राप्त है। अब वह जमींदार आपके इस मार्ग को अवरुद्ध नहीं कर सकता।

आपको चाहिए कि आप आपके इस सुखाधिकार के आधार पर दीवानी न्यायालय में स्थायी व्यादेश (Permanent Injunction) का वाद प्रस्तुत करें कि वह जमींदार आपके मार्ग के सुखाधिकार में बाधा डाल रहा है इस कारण उसके विरुद्ध यह व्यादेश जारी किया जाए कि वह आपके मार्ग के सुखाधिकार में किसी तरह की बाधा उत्पन्न न करे। मार्ग को सदैव आपके आने जाने लायक रखे। इसी वाद के साथ आपको अस्थायी व्यादेश (Temporary Injunction) का प्रार्थना पत्र भी प्रस्तुत करें कि इस वाद के लम्बित रहने के दौरान वह जमींदार आपका मार्ग अवरुद्ध न करे, आपके आने जाने में किसी तरह की बाधा उत्पन्न न करे।

यह वाद आपके क्षेत्र पर अधिकार रखने वाले सिविल जज के न्यायालय में प्रस्तुत होगा। इसके लिए आपको अच्छे दीवानी वकील की सेवाएँ प्राप्त करनी चाहिए। क्योंकि वाद ठीक से न लिखे जाने पर कभी कभी इस तरह की राहत प्राप्त करना कठिन हो जाता है।