सोफ्टवेयर का विकास एक मैन्युफेक्चरिंग प्रोसेस
|बम्बई उच्च न्यायालय की न्यायाधीश न्यायमूर्ति मृदुला भाटकर ने कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआई) के दो मुकदमों में यह निर्णय दिया है कि सोफ्टवेयर विकसित करने का काम एक मेन्युफेक्चरिंग प्रोसेस है और सोफ्टवेयर फर्में जिन में दस से अधिक कर्मचारी कार्य करते हैं ‘कारखाना’ हैं। ईएसआई ने मुम्बई की दो सोफ्टवेयर फर्मों को कारखाना और उन पर कर्मचारी राज्य बीमा योजना प्रभावी मानते हुए योजना का अंशदान जमा कराने का आदेश दिया था। इस आदेश के विरुद्ध फर्मों ने उच्चन्यायालय को याचिका प्रस्तुत की थी। इन याचिकाओँ को निरस्त करते हुए उक्त निर्णय दिया गया। न्यायालय ने कहा कि फर्मों पर योजना को 15000 रुपए से कम वेतन प्राप्त करने वाले कर्मचारियों का अंशदान देना होगा और ये कर्मचारी योजना का लाभ प्राप्त कर सकेंगे।
जस्टिस भाटकर ने अपने निर्णय में कहा कि ईएसआई अधिनियम में ‘कारखाना’ का अर्थ कारखाना अधिनियम से अधिक विस्तृत है। ईएसआई अधिनियम का किसी संस्थान पर प्रभावी होना एक प्रगतिशील कदम है और यह सोचना गलत है कि इस से आईटी उद्योगों पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा।
इस मामले मे कर्मचारी राज्य बीमा निगम का तर्क था कि ये संस्थान कम्प्यूटरों का उपयोग करते हैं और अंत में एक उत्पाद ‘प्रोग्राम’ का निर्माण करते हैं जो कि एक मैन्यूफेक्चरिंग प्रोसेस है। ईएसआई अधिनियम में जिस परिसर में बिजली का प्रयोग होता है और दस से अधिक कर्मचारी पिछले एक वर्ष से सेवारत हैं अथवा जहाँ बिजली का प्रयोग नहीं होता है वहाँ बीस से अधिक कर्मचारी काम करते हों वह ‘कारखाना’ है।
yeh choti choti bate hi insaan ko uska hak dilati hai. Jankari dene ke liye shukriya
बहूत ही महत्वपूर्ण जानकारी दी आपने सर जी धन्यवाद