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जमीन पर कब्जा प्राप्त करने के लिए राजस्व न्यायालय में वाद प्रस्तुत करें।

rp_kisan-land3.jpgसमस्या-

दीप नवेरिया ने ग्राम रानेह, तहसील हट्टा, जिला दमोह, मध्यप्रदेश से समस्या भेजी है कि-

मेरी माँ ने एक कृषि की जमीन दो एक साल पहले खरीदी थी। एक साल बाद उसका सीमांकन करवाया तो पता चला कि वह जमीन दूसरा ब्यक्ति दस साल से जोत रहा है, उसकी जमीन उसी क्षेत्र में दूसरी तरफ है और उसकी जमीन कोई दूसरा जोत रहा है लेकिन यह न तो अपनी जमीन का सीमांकन करवा रहा है और न ही हमारी जमीन जो माँ ने खरीदी थी उसे छोड़ रहा है। इसके लिये मैंने पुलिस के पास रिपोर्ट की थी कि मेरी क्रय जमीन दूसरा जोत रहा है। इसके लिये पुलिस कार्यवाही कर रही है जिसमें पुलिस सबके बयान ले रही है। उसके भी बयान लिये गये जिससे हम ने जमीन खरीदी है लेकिन वह महिला जिसकी जमीन थी पुलिस के पास यह कह रही है कि मैंने जमीन नही बेची। यह मुझसे धोका में विक्रय की गई है। मेरे पास जमीन के पूर्ण सरकारी कागज हैं रजिस्ट्री है, बही है, खसरा नक्शा है, इंटरनेट पर रिकार्ड है। फिर भी वह महिला उस ब्यक्ति के दबाब में बयान दे रही है जो उस महिला की जमीन दस साल से जोत रहा है। महिला 80 साल की है क्या सर पुलिस के पास यह केस सुलझ सकता है या कोर्ट में केस कर सकते हैं? किस कोर्ट में केस करना सही होगा? वह महिला दबाब में पलट रही है जिसने हमे जमीन बेची। क्या यह हमारे लिये नुकसान पहुँचा सकता है? क्या उस महिला के बयान से रजिस्ट्री फेल हो सकती है जो एक साल पहले हमने खरीदी थी कृपा मुझे सुझाव दीजिये।

समाधान

प को इस मामले में तुरन्त स्थानीय वकील से संपर्क करना चाहिए। कुछ तथ्य हैं जो आप की समस्या से गायब हैं। जमीन आप खरीद चुके हैं लेकिन जमीन पर कब्जा किसी और का है। आप जमीन के स्वामी तो हो गए हैं लेकिन आप को कब्जा नहीं मिला है। नपवाने पर पता लगा कि दूसरा उस पर काबिज है। दूसरा काबिज है यह बात आप को सरकारी सीमांकन से पता लगी है तो वह सही है। आप को उस जमीन पर अपने मालिकाना हक के आधार पर कब्जा प्राप्त करने के लिए राजस्व न्यायालय में वाद प्रस्तुत करना चाहिए। इस के लिए स्थानीय स्तर पर किसी राजस्व मामले देखने वाले अच्छे वकील से संपर्क कर के उस की मदद लेना उचित होगा।

प उस जमीन के स्वामी हैं। उस महिला द्वारा बयान दे देने मात्र से पंजीकृत विक्रय पत्र निरस्त नहीं होगा। इस के लिए उस महिला को विक्रय पत्र निरस्त करवाने के लिए दीवानी वाद रजिस्ट्री की तिथि से 3 वर्ष की अवधि में प्रस्तुत करना होगा। जिस में जमीन की रजिस्ट्री में अंकित कीमत पर उसे कोर्ट फीस अदा करनी होगी। यह कोर्ट फीस कोई दे सकेगा इस में संदेह है। इस कारण हमें लगता है कि आप का उस जमीन पर स्वामित्व सुरक्षित है। आप ने जो रिपोर्ट कराई है उस से आप को या किसी अन्य व्यक्ति को कुछ हासिल होगा यह संदेहास्पद है. ऐसे मामलों में पुलिस दीवानी या राजस्व मामला बता कर अन्तिम रिपोर्ट प्रस्तुत कर देती है।

स कारण आप को चाहिए कि आप तुरन्त किसी राजस्व वकील से मिल कर अपने स्वामित्व की भूमि पर कब्जा प्राप्त करने हेतु कार्यवाही करें। देरी न करें।

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