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हिन्दूु स्त्री का उत्तराधिकार कैसे निश्चित होगा?

Hindu Successionसमस्या-

शोभा गुप्ता ने उज्जैन मध्य प्रदेश से समस्या भेजी है कि-

क स्त्री के नाम पर एक भूखंड (स्व अर्जित आमदनी से लिया हुआ) है। वह अपने पति की दूसरी पत्नी है इस स्त्री के २ संतान हैं और २ सौतेली संतान हैं। इस स्त्री की मृत्यु के बाद इस भूखंड पर किस-किस का हक़ होगा?

समाधान-

हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम की धारा 14 के अन्तर्गत किसी भी हिन्दू स्त्री की संपत्ति उस की परम संपत्ति होती है। उस में किसी का अधिकार नहीं होता। वह उसे विक्रय कर सकती है, दान कर सकती है और किसी भी अन्य रीति से हस्तान्तरित कर सकती है। वह उस की वसीयत भी कर सकती है।

स्त्री के देहान्त के उपरान्त उस की संपत्ति हिन्दू विवाह अधिनियम की धारा 15 के अनुसार उस के उत्तराधिकारियों को प्राप्त होती है। उस के प्रथम श्रेणी के उत्तराधिकारियों में उस के पुत्र, पुत्री व पति सम्मिलित हैं, अर्थात किसी स्त्री की मृत्यु के उपरान्त जितनी संतानें होंगी उन में पति को जोड़ कर जो संख्या आएगी उन सब को उस की संपत्ति का बराबर हिस्सा प्राप्त होगा।

प के मामले में यदि उस स्त्री के पुत्री भी है तो उस की सम्पत्ति उस की मृत्यु के उपरान्त उस के दोनों पुत्रों, पुत्री व पति में बराबर बंटेगी। यदि पुत्री नहीं है तो उस के दो पुत्रों व पति तीनों को एक तिहाई हिस्सा प्राप्त होगा। उस स्त्री के सौतेले पुत्रों को और यदि सौतेली पुत्रियाँ भी हों तो उन्हें कुछ भी प्राप्त नहीं होगा। क्यों कि सौतेली संतानें उस स्त्री की संतानें नहीं हैं, उस के पति की संतानें हैं। जब एक पुत्र वाली स्त्री विधवा होने या तलाक होने के बाद किसी पुरुष से विवाह करती है तो उस की संतान को अपनी माँ से तो उत्तराधिकार प्राप्त होता है लेकिन अपने सौतेले पिता से नहीं सौतेला पिता चाहे तो उस की पत्नी के पूर्व पति से जन्मी संतान को गोद ले सकता है। तब वह सौतेला न हो कर गोद पुत्र हो जाएगा और उसे औरस पुत्र की तरह सभी अधिकार प्राप्त होंगे। यही नियम माँ के संबंध में भी है, यदि सौतेली माँ अपने वर्तमान पति की पूर्व पत्नी से जन्मी संतानों को गोद ले ले तो वे भी गोद पुत्र/पुत्री हो जाएंगे और सौतेली माँ जो अब दत्तक ग्रहण करने वाली माँ हो जाएगी उस से उत्तराधिकार प्राप्त कर सकेंगे।

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