हिन्दू पुरुष का उत्तराधिकार
|समस्या-
लखनऊ, उत्तर प्रदेश से अजय कुमार शर्मा पूछते हैं –
कृपया हमें कृषि भूमि के सम्बन्ध में उत्तराधिकार कि वर्तमान वरीयता सूची और हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम कि वर्तमान उत्तराधिकार की वरीयता सूची की जानकारी देने का कष्ट करें ।
समाधान-
उत्तर प्रदेश में कृषि भूमि में उत्तराधिकार किस प्रकार होगा? इस पर एक पोस्ट “उत्तरप्रदेश में कृषि भूमि पर उत्तराधिकार की विधि” पहले तीसरा खंबा पर लिखी जा चुकी है। इसे आप यहाँ क्लिक कर के पढ़ सकते हैं।
भी हिन्दू पुरुष के देहान्त के उपरान्त उस का उत्तराधिकार निम्न सूची के अनुसार होगा। सर्वप्रथम प्रथम श्रेणी के जीवित उत्तराधिकारियों का मृतक की संपत्ति पर समान भाग में अधिकार प्राप्त होगा। यदि प्रथम श्रेणी के चार उत्तराधिकारी हैं तो प्रत्येक को एक चौथाई संपत्ति प्राप्त होगी। प्रथम श्रेणी का कोई भी उत्तराधिकारी जीवित न होने पर द्वितीय श्रेणी के उत्तराधिकारियों का मृतक की संपत्ति पर समान भाग में अधिकार प्राप्त होगा। प्रथम और द्वितीय श्रेणी का कोई भी उत्तराधिकारी जीवित न होने पर तृतीय श्रेणी के उत्तराधिकारियों का मृतक की संपत्ति पर समान भाग में अधिकार प्राप्त होगा। इसी तरह नवम श्रेणी के उत्तराधिकारियों को उक्त संपत्ति में अधिकार प्राप्त होगा। इस अनुसूची में अंकित कोई भी उत्तराधिकारी जीवित नहीं होने पर संपत्ति पर राज्य का अधिकार होगा।
हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम के अंतर्गत किसी पुरुष के लिए उत्तराधिकार सूची निम्न प्रकार है ….
हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम, 1956
एक पुरुष के उत्तराधिकार के लिए अनुसूची-
प्रथम श्रेणी
पुत्र, पुत्री, विधवा, माँ, एक पूर्व मृतक पुत्र के पुत्र, एक पूर्व मृतक पुत्र की पुत्री, एक पूर्व मृतक की पुत्री के पुत्र, एक पूर्व मृतक की पुत्री की पुत्री, एक पूर्व मृतक पुत्र की विधवा, पूर्व मृतक पुत्र के पूर्व मृतक पुत्र का पुत्र, एक पूर्व मृतक पुत्र के एक पूर्व मृतक पुत्र की पुत्री, एक पूर्व मृतक पुत्र के एक पूर्व मृतक पुत्र के पुत्र की विधवा।
द्वितीय श्रेणी
1. पिता।
2. (1) पुत्र की पुत्री का पुत्र (2) पुत्र की पुत्री की पुत्री, (3) भाई, (4) बहन।
तृतीय श्रेणी
(1) पुत्री के पुत्र का पुत्र , (2) पुत्री के पुत्र की पुत्री, (3) पुत्री की पुत्री का पुत्र, (4) पुत्री की पुत्री की पुत्री।
चतुर्थ श्रेणी
(1) भाई का पुत्र (2) बहन का पुत्र, (3) भाई की पुत्री (4) बहन की पुत्री।
पंचम श्रेणी
पिता के पिता, पिता की माँ।
षष्टम श्रेणी
पिता की विधवा, भाई की विधवा है.
सप्तम श्रेणी
पिता के भाई, पिता की बहन।
अष्टम श्रेणी
माँ के पिताजी, माँ की बहन।
नवम श्रेणी
माँ का भाई, माँ की बहन।
स्पष्टीकरण – इस अनुसूची में भाई बहन के लिए यूटेराइन ब्लड से उत्पन्न एक भाई या बहन का संदर्भ नहीं शामिल नहीं है।
विध्वा,अविवाहितपुत्री तथा पुंजातीय वंशज प्रतिशाखा अनुसार(2)माता व पिता(३)विवाहित पुत्री(४) भाई व अविवाहित बहन(५)पुत्र की पुत्री(६)पितामही व पितामह(७)पुत्री का पुत्र(८)विवाहिता बहन(९)सौतेली बहन(१०)बहिन का पुत्र(११)सौतेली बहन(१२)भाई के पुत्र का पुत्र(१३)नानी क पुत्र(१४)पितामह का पौत्र
जी, यह क्रम उत्तरप्रदेश में कृषि भूमि के उत्तराधिकार हेतु है।
दिनेशराय द्विवेदी का पिछला आलेख है:–.पैतृक संपत्ति में पृथक हिस्से के लिए बँटवारे का वाद प्रस्तुत करें
बहुत अच्छी जानकारी धन्यवाद|
nirmla.kapila का पिछला आलेख है:–.गज़ल