हिबानामा पंजीकृत होना जरूरी नहीं।
समस्या-
इमरान ने बसना, रायपुर छत्तीसगढ़ से पूछा है-
हम लोग 5 साल हुआ मेरे नाना जी के साथ रहते हैं…मेरे नाना age 65 और उनकी अम्मी age ७५ ..और मेरे नानी जी और मामा 40 साल से अलग ररहते थे…..और मेरे नाना जी के पास नहीं आते थे और ओ लोग बोहत तकलीफ उठाते थे …तब मेरे नाना जी ने मेरे अम्मी को बुलाया और हम उनको 4 साल से केयर किआ तो मेरे नाना जी ने खुश होके उनका आबादी मकान मेरे अम्मी के नाम कर दिए हैं …१०० का स्टाम्प में नोटरी करके दिए हैं .अब ओ इस दुनिया में नहीं हैं। तो मेरे मामा और नानी .. जो मकान नाना जी ने हम को दे दिए हैं उस पर हम से हिस्सा मांग ‘रहे हैं …और परेसान कर रहे हैं ….अब हम क्या करें सर? …. …..और नाना जी ने स्टाम्प पे उल्लेख किए हैं कि … मैं हाजी कदर अपनी राजी खुसी से @ … मेरी बेटी अमरीन बनो को अपना मकान दे रहा हूँ। मेरे चलने फिरने में तकलीफ होती है इसलिए मेरी सेवा मेरी बेटी अमरीन बानो ने की है इस से उस को खुस होके दे रहा हूँ …आज १२-३-२०१२ से उक्त मकान की मालिक अमरीन होगी और मेरा नाम राजस्व अभिलेख और पटवारी अभिलेख से हटा कर खुद का नाम जोड़ लें …………. हम लोगों ने नगर पंचायत से उनका नाम हटा कर अम्मी का नाम जोड़ लिए हैं .. …पर पटवारी अभिलेख में उनका नाम हटा कर अम्मी का नाम कैसे कैसे जोड़े …पटवारी के पास जाने से ओ जबाब नहीं दे रहा है …उस को मेरे मामा पैसा खिला दिया है …. हम को क्या करना होगा।
समाधान-
आप के नानाजी ने मकान अपनी बेटी, आप की माँ के नाम तहरीर कर दिया। यह हिबा है। आप की माँ उसी मकान में निवास भी कर रही है इस कारण से उस का कब्जा भी उस मकान पर है। इस तरह यह हिबानामा अन्तिम हो चुका है। आप के नानाजी चाहें तो वे स्वयं भी इस मकान को वापस नहीं ले सकते।
आप को जो परेशानी आ रही है वह इस कारण से कि हिबा एक दान भी है और दान पत्र का पंजीकरण होना जरूरी है। लेकिन यदि हिबा किया गया हो और हिबा की गयी संपत्ति पर कब्जा भी प्राप्त कर लिया गया हो तो ऐसे मामले में हिबानामा को पंजीकृत होना कतई जरूरी नहीं है।
हालांकि आप के नाना जीवित हैं और आप चाहें तो उन से इस हिबानामा को उप पंजीयक के कार्यालय में पंजीकृत करवाया जा सकता है। उस के बाद इस संपत्ति का स्वामित्व आप की माँ का होने के मामले में किसी तरह की कोई शंका शेष नहीं रहेगी। बस यही है कि इस संपत्ति के बाजार मूल्य पर आप को स्टाम्प ड्यूटी व पंजीयन शुल्क अदा करना होगा।
यदि आप पंजीयन न भी करा पाएँ तो भी आप की माँ के इस संपत्ति पर स्वामित्व को उन से नहीं छीना जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने हफीजा बीबी बनाम शेख फरीद के मामले में यह निर्धारित किया है कि इस तरह के हिबानामा का पंजीकृत होना जरूरी नहीं है।
सर मेरा नाम तीरथसह है मई छत्तीसघर से hunसर मेरी समस्या यह है मेरे निजी जमीं के सामने सन२००६ में आंगनबाड़ी बना या है जिसके कारन मेरे जमीं का samne १७ फिट हिस्सा डाक गया आज २०१६ हो गया लेकिन आंगनबाड़ी भवन का निर्माण पूरा नही हुआ हैं क्या मेरे द्वारा उस भवन निर्माण को रोक ज सकता है सर मेरा जमीं की लम्बै६७ है जिसमे दो हिस्सा है और हमारा जमीं तीनो तरफ इ अन्य लोगो कीजमीन से घिरा ह सर प्लीज् मुझे सही मार्ग दरसन कीजिए हो
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1. Suosikkini on pitkään haaveena ollut Avanto XL valkoisella kannella.2. Artemiden valaisimia olen etsinyt joskus Palorannaltakin ja myös pussilakanoita, joiden valikoima on melko pieni.3. Jos kävisi niin uskomaton tuuri, että voittaisin niin valitsisin Davis Designin book shelfin.Onnea odotellessa,Ppaheanro at gmail.com
मेरे.दादा.ने1984मे.गर.का.पटा.बनाया.था.जोसरपच.ने…..पचायत.से.जारी.किया.था..वो.पटा.अब.मानेय.है.या.नही
श्री मान जी,
निवेदन यह है की हम पांच भाई है हमारी सबसे बड़ी भाभी हमारी माँ से लड़ाई जगडा करती है गन्दी गालिया बकती है , हम मे कोई समजाने जाता है तो मारपीट पर उत्तर आती है हम पिछले २५ साल स उसे भुगत रहे है हमारी एक दुकान जो माँ में नाम हम सब भाइयो ने मिल्लर खरीदी थी क्या हमारी माँ unhe इस दुकान से बेधखल कर सकती है .
ये सब Docoment कहाँ पेस करे सर . तहसील ऑफिस में कोई आबेदन देना होगा . और इसमें कोई आपत्ति तो नहीं करेगा ना …और करेगा तो हम किआ एक्शन ले
इस मामले में आप को किसी स्थानीय वकील से सलाह करनी चाहिए। राजस्व राज्य का मामला है इस कारण हर प्रांत का काश्तकारी कानून भिन्न भिन्न है।
धन्यबाद सर . और पटवारी अवलेक में मेरे नाना जी का नाम हे …तो अव यहाँ पटा बने बाला हे ….तो kiske नाम me बनेगा .. और मेरे मामा लोग आपत्ति करेगने तो हम किआ करे ….. प्लीज रिप्लाई सर
हिबा नामा के आधार पर पटवारी अभिलेख में आप की माता का नाम दर्ज होना चाहिए।हिबा नामा की कापी पेश करने के साथ ही हिबा के गवाहों के शपथपत्र प्रस्तुत कर दें।
दिनेशराय द्विवेदी का पिछला आलेख है:–.हिबानामा पंजीकृत होना जरूरी नहीं।