पति के विरुद्ध 498-ए का मुकदमा दर्ज करवा दिया है, मेरा दो साल का बच्चा किस के पास रहेगा?
|समस्या-
मेरे ससुराल वाले मुझे बहुत तकलीफ देते थे। बाद में पति ने भी मारना और घर से निकालना शुरु कर दिया। मैं मायके आई तो वहाँ भी शराब पी कर आने लगा और झगड़ा करने लगा। मेरे पिता को जान से खत्म करने की धमकी भी दी। मैं ने पुलिस स्टेशन में धारा 498-ए में रिपोर्ट करवा दी है। मेरे एक दो साल का बच्चा भी है। मैं क्या कर सकती हूँ? मेरा बच्चा दो वर्ष का है वह मेरे पास रहेगा या फिर उस के पिता के पास रहेगा।
-रानी, लातूर, महाराष्ट्र
आप के साथ ससुराल में क्रूरतापूर्ण व्यवहार हुआ और मारपीट भी। इस मामले में आप का कहना है कि आप ने धारा 498-ए का प्रकरण पुलिस ने दर्ज कर लिया है। यदि ऐसा है तो आप के पति और ससुराल वालों के विरुद्ध एक अपराधिक मुकदमा तो दर्ज हो ही गया है। पुलिस इस मुकदमे में गवाहों के बयान ले कर और अन्य सबूत जुटा कर न्यायालय के समक्ष आरोप पत्र प्रस्तुत कर देगी। अभियुक्तों को आरोप सुनाने के उपरान्त न्यायालय में सुनवाई आरंभ होगी जहाँ आप के और गवाहों के बयानों पर निर्भर करेगा कि आप के पति और अन्य अभियुक्तों को उक्त प्रकरण में दंड मिलेगा अथवा नहीं।
अब आप अपने मायके में रह रही हैं। 498-ए के प्रकरण के दर्ज हो जाने के उपरान्त आप के पति ने आप के मायके आ कर परेशान करना बंद कर दिया होगा। यदि यह बदस्तूर जारी है तो आप महिलाओं के प्रति घरेलू हिंसा अधिनियम के अंतर्गत न्यायालय के समक्ष आवेदन प्रस्तुत कर सकती हैं। इस आवेदन पर आप के पति को पाबंद किया जा सकता है कि वह आप के मायके न आए और आप को तंग करना बंद करे। इसी आवेदन में आप अपने पति से अपने बच्चे और स्वयं अपने लिए प्रतिमाह भरण पोषण के लिए आवश्यक राशि दिलाने की प्रार्थना भी कर सकती हैं। न्यायालय ये सभी राहतें आप को दिला सकता है।
यदि आप अपने पति के साथ नहीं रहना चाहती हैं तो आप उस से विवाह विच्छेद के लिए परिवार न्यायालय में और आप के जिले में परिवार न्यायालय स्थापित न हो तो जिला न्यायालय के समक्ष आवेदन कर सकती हैं। साथ ही साथ धारा-125 दंड प्रक्रिया संहिता के अंतर्गत प्रतिमाह अपने और अपने बच्चे के लिए भरण पोषण राशि प्राप्त करने के लिए अलग से आवेदन कर सकती हैं।
जहाँ तक बच्चे की अभिरक्षा/ कस्टडी का प्रश्न है, बच्चा आप के पास ही होगा और उसे आप के पास ही रहना चाहिए। उसे आप का पति जबरन आप से नहीं छीन सकता। यदि वह बच्चे की अभिरक्षा प्राप्त करने के लिए आवेदन करता है तो आप उस का प्रतिरोध कर सकती हैं। जिस उम्र का बालक है उस उम्र में उसे उस की माता से अलग नहीं किया जा सकता। इस तरह बालक भी आप के पास ही रहेगा। यदि आप दोनों के बीच विवाह विच्छेद होता है तो आप यह तय कर सकती हैं कि आप बच्चे को अपने पास रखना चाहती हैं या नहीं। यदि आप बच्चे को अपने पास नहीं रखना चाहती हैं और बच्चे का पिता उसे अपने पास रखना चाहता है तो आप इस विकल्प को चुन सकती हैं।