बँटवारे के मुकदमे के दौरान विवादित संपत्ति में निर्माण भी बँटवारे के समय सबका माना जाएगा।
समस्या-
राजेन्द्र कुमार बोहरा ने श्री श्रीमाल गली, ब्यावर, जिला अजमेर, राजस्थान से पूछा है-
मैं 1992 से अपने परिवार के साथ पारिवारिक मकान में परिवार के भाइयों की सहमति से रह रहा हूँ, जिसके बिजली पानी के बिल मैं भर रहा हूँ, बिजली का कनेक्शन मेरे नाम पर है, 2015 में मुझे बताया की मेरे पिताजी ने वसीयत की हुई है जिसके कारण जिस मकान में मैं रह रहा हूँ उसका कुछ हिस्सा मेरे भाई के नाम है। मुझे वसीयत कि जानकारी नहीं थी, यह मकान मेरे पिताजी को मेरी दादी से पंजीकृत वसीयत से गिफ्ट डीड से प्राप्त हुआ है। इसके अलावा दूसरी दो प्रॉपर्टी मेरी दादी के नाम हैं जिसकी वसीयत नहीं हैं। मेरे मकान में बरसात में जगह जगह से पानी आता है और छत भी कमजोर है। कोर्ट में बँटवारे का केस चल रहा है। मुझे मेरे बच्चे कि शादी भी करनी है, मेरे पास दूसरा कोई ठिकाना भी नहीं है। क्या मैं कमरा बना सकता हूँ? पहले मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी मेरी दादी के नाम जो संपत्ति है उसका कुछ हिस्सा मेरे दो भाइयों ने नगर नगर परिसद में अपने नाम पर करा लिया है मेरी माँ की वसीयत बनाकर जिसकी किसी को जानकारी नहीं है मेरा मार्गदर्शन करें।
समाधान-
जिस मकान में आप रह रहे हैं वह आपके कब्जे में है, उसमें बिजली कनेक्शन आपके नाम है अर्थात उसमें रहने की अनुमति उसके मालिकों ने आप को दे रखी है। इस कारण इस मकान में रहते रहने में किसी तरह की कोई परेशानी नहीं है।
आपने लिखा है कि उक्त मकान जिस मकान में आप रहते हैं उस का कुछ हिस्सा आपके भाई को रजिस्टर्ड वसीयत से गिफ्ट डीड से प्राप्त हुआ है। या तो यह गिफ्ट डीड रही होगी या फिर वसीयत। कुछ भी रही हो। दोनों ही स्थितियों में हिस्से का मालिक भाई है। शेष हिस्से में भी अन्य हिस्सेदार रहे होंगे अर्थात आप उस मकान के अकेले मालिक नहीं है। पार्टीशन का दावा चल रहा है। ऐसी स्थिति में अदालत इस मकान का विभाजन किसी भी प्रकार से कर सकती है। वैसी स्थिति में आपके द्वारा कमरा बनाने में लगाया गया धन बेकार चला जाएगा।
आपकी दादी के नाम जो संपत्ति है उसमें उनके उत्तराधिकारियों का हिस्सा रहा होगा। दादी के बाद उनका उत्तराधिकार खुला होगा। वैसी स्थिति में आपके पिता को वह संपत्ति पूरी मिली होगी या अन्य उत्तराधिकारी भी रहे होंगे तो उन्हें एक हिस्सा मिला होगा। उस हिस्से में पिता की मृत्यु के उपरान्त आपकी माँ और आप भाई बहनों के बराबर हिस्से रहे होंगे। वैसी स्थिति में आपकी माँ अपने हिस्से को किसी के भी नाम वसीयत कर सकती थी। यदि माँ ने उसके हिस्से से अधिक की वसीयत कर दी तो वह अधिक हिस्से की वसीयत अमान्य हो जाएगी या फिर पूरी अमान्य हो सकती है।
हमारी राय में आप जिस मकान में रह रहे हैं उसमें रह सकते हैं। बेहतर हो कि पानी टपकता है उसकी मरम्मत करा लें। जो हर रहने वाले को कराते रहना चाहिए। यदि आप उस पर कोई कमरा बनाते हैं तो उस पर आपका एकल अधिकार नहीं होगा। जब भी बंटवारे का मुकदमा निर्णीत हो कर उसका निष्पादन होगा वह बनाया हुआ कमरा भी बँटवारे में किसके हिस्से जाएगा यह नहीं कहा सकता।