पंजीकृत वसीयत ही बेहतर उपाय है।
|समस्या-
रिया कुमारी ने हैदरनगर, पलामु, झारखंड से पूछा है-
नमस्कार मेरे माँ के नाम पर मकान है, जिसको मेरी माँ मुझे देना चाहती है। हम 2 बहन और 1 भाई हैं। एक भाई और बहन का शादी हो गया। है, मेरा भाई गुमशुदा है और मेरे भाई की पत्नी का अवैध संबंध है। पिता के मृत्यु के बाद मेरे भाई की पत्नी और उसके घर वाले मिलकर हम लोगों से मारपीट करते है और संपत्ति हड़पना चाहते हैं। मेरी बड़ी बहन भी मां से लड़ती झगड़ती है। मैं सबसे छोटी और अविवाहित लड़की हूँ। पिता के देहांत के बाद हम दोनों मां बेटी जैसे तैसे गुजारा कर रहे हैं। हम लोग बिलकुल अकेले हैं। कोई साथ नहीं देने वाला है। मां चाहती है की ये मकान मेरे नाम हो जाए रजिस्ट्री खर्च बहुत ज्यादा है। क्या वसीयत will बनवाना सही रहेगा बाद में इसके क्या चुनौतिया होंगी मार्गदर्शन करें।
समाधान-
बिलकुल आपकी माँ के लिए वसीयत (Will) करना बेहतर रहेगा। वसीयत में कोई स्टाम्प ड्यूटी नहीं लगती है। इसलिए आपकी माँ न्यूनतम मूल्य के स्टाम्प पेपर पर वसीयत निष्पादित कर सकती हैं।
वसीयत में यह आवश्यक है कि लिखित वसीयत पर वसीयत करने वाले ने कम से कम दो गवाहों के समक्ष अपने हस्ताक्षर किए हों और फिर वे दो व्यक्ति उस वसीयत पर अपने भी हस्ताक्षर करें। जिसके पक्ष में वसीयत की जा रही है वह वसीयत का गवाह नहीं हो सकता।
अब वसीयत तीन तरह की हो सकती है। एक वह जिस पर वसीयत करने वाले तथा दो गवाहों के हस्ताक्षर हों। दूसरी वह जिस पर वसीयत करने वाले वाले और गवाहों ने नोटेरी पब्लिक के सामने हस्ताक्षर किए हों और नोटेरी ने उसे अपने रजिस्टर में चढ़ा कर तस्दीक किया हो। तीसरी वह जिस पर उप रजिस्ट्रार के समक्ष वसीयत करने वाले वाले और गवाहों ने हस्ताक्षर किए हों। ऐसी वसीयत को रजिस्टर्ड वसीयत कहते हैं।
वसीयत पर कोई विवाद होने पर प्रथम दो वसीयतों को उस व्यक्ति को साबित करना होता है जिसके पक्ष में वसीयत की गयी है। लेकिन रजिस्टर्ड वसीयत को उन व्यक्तियों को साबित करना होता है जो वसीयत को चुनौती देते हैं।
हमारी सलाह है कि आप अपनी माँ को कहें कि वे अपनी वसीयत रजिस्टर्ड कराएँ। रजिस्टर्ड वसीयत खो जाने और उसके रजिस्ट्रेशन की तारीख नंबर आदि के आधार पर उसकी प्रमाणित प्रति कभी भी प्राप्त की जा सकती है। हाँ एक बात अवश्य ध्यान रखें कि वसीयत के गवाह ऐसे होने चाहिए जो समय आने पर सच्ची गवाही दें। लालच या अन्य दबावों के सामने झूठा बयान न दें।