अनुकम्पा नियुक्ति किसी का अधिकार नहीं, पिता की संपत्ति में हर उत्तराधिकारी का अधिकार है।
समस्या-
आशीष कुमार ने दुमका, झारखण्ड से पूछा है-
मेरे पिताजी झारखण्ड मे साहकारिता विभाग में लिपिक के पद पर कार्यरत थे। वे कैँसर रोग से पीड़ित थे। उनका देहान्त 20 फरवरी 2012 को हो गया। वे तब तक सरकारी सेवा में कार्यरत थे। हम तीन भाई हैं। सब से बड़ा मैं हूँ और बेरोजगार हूँ, लेकिन मेरी माँ और छोटा भाई मझले भाई को अनुकम्पा के तहत नौकरी दिलाना चाहते हैं और मुझे अपने पिताजी का कोई रुपया पैसा जमीन जायदाद नहीं देना चाह रहे हैं। मुझे नौकरी और जायदाद लेने का उपाय सुझावें और क्या मैं बड़ा बेटा होने के नाते नौकरी पाने का हकदार हूँ या नहीं?
समाधान-
राजकीय सेवा में रहते हुए किसी राज्य कर्मचारी की मृत्यु हो जाने पर उस के किसी आश्रित को अनुकंपा नियुक्ति पाना किसी तरह का अधिकार नहीं है। यह राज्य की अनुकम्पा मात्र है। किसी राज्य कर्मचारी की सेवा में रहते हुए मृत्यु हो जाने पर अचानक उस का परिवार किसी तरह की आमदनी न होने पर निराश्रित न हो जाए, उसे जीने का सहारा बना रहे इस सिद्धान्त के अंतर्गत अनुकम्पा नियुक्ति दी जाती है। प्रत्येक राज्य सरकार के इस के अपने नियम हैं। ऐसी नियुक्ति नियमों के अनुसार और पद रिक्त होने पर ही प्रदान की जा सकती है।
जहाँ तक आप के परिवार का प्रश्न है आप की माता जी और आप तीनों भाई आप के पिता के उत्तराधिकारी हैं। कोई भी रोजगार पर नहीं है। ऐसी अवस्था में आप के पिता के आश्रितों में से किसी एक को जिस पर शेष तीन उत्तराधिकारियों में से किसी को आपत्ति न हो उसे ही नौकरी दी जा सकती है। इस कारण आप चारों उत्तराधिकारियों को किसी एक पर सहमत होना पड़ेगा। माँ की सहमति अधिक महत्वपूर्ण है। यदि आप की माता जी और दोनों भाई आप को नौकरी दिलाने के लिए अपना अनापत्ति प्रमाण पत्र दे देते हैं तो आप को अनुकंपा नियुक्ति प्राप्त हो सकती है, अन्यथा नहीं। केवल बड़ा पुत्र होने मात्र से आप को कोई अधिकार प्राप्त नहीं होता है।
आप के पिता की जमीन, जायदाद और नौकरी के कारण मिलने वाले लाभ हैं उन पर आप के पिता के चारों उत्तराधिकारियों का समान अधिकार है। यदि अन्य उत्तराधिकारी उस में आप का हिस्सा नहीं देना चाहते हैं तो आप अचल संपत्ति के लिए बँटवारे का दीवानी वाद न्यायालय में प्रस्तुत कर सकते हैं तथा नौकरी के कारण आप के पिता के लाभ जो उन के विभाग से मिलने वाले हैं उन्हें प्राप्त करने के लिए आप विभाग को सीधे आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं वे इन लाभों का वितरण रोक देंगे। आप जिला न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत कर अपने चौथाई हिस्से के लिए उत्तराधिकार प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकते हैं। उस प्रमाण पत्र के आधार पर विभाग आप को उन की मृत्यु पर देय लाभों का एक चौथाई हिस्सा आप को अदा कर देगा।
परम आदरणीय वकील साहब,
सदर प्रणाम,
मै तीसरा खम्भा का पिछले १ माह से नियमित पाठक हु, आपके सभी सलाह बहुत ही ज्ञानवर्धक और आपके सुझाये गए सभी जानकारिया पीड़ित कॊ न्याय और नए वकील कॊ भी अच्छी जानकारी देते है,
मैं आपके इस परोपकार के लिए आपको बहुत बहुत सम्मान एवं धन्वाद देता हु
मैंने हल ही में लॉ कि पढ़ाई कशी वीद्यापीठ वाराणसी से हिंदी मेडियम से पूरी कि है मेरी उम्र इस समय ३२ इयर्स है , मेरा घर वाराणसी में है मेरी बेसिक क्वालिफिकेशन ऍम. कॉम. + लल.बी. है मेरा एकाउंट्स का ८ इयर्स से ज्यादा का अनुभव है लॉ कि पढ़ाई से पहले में करीब २००००/- प्रति माह कमाता था मे अकाउंट्स का कम तो करता था लेकिन मेरी रूचि अकाउंट्स में नहीं थी अब मै प्रैक्टिस कि सोच रहा हु लेकिन नए वकील कॊ पारम्भ मे पैसे कि बहुत समस्या होती है में एक घर का जिम्मेदार वयक्ति हु जिमेदारिओ कॊ इग्नोर नहीं कर सकता इसी दर से कोई निर्णय नहीं ले पा रहा हु मेरी इच्छा लखनऊ हाई कोर्ट (बेंच ऑफ़ इलाहाबाद हाई कोर्ट) में प्रक्टिस करना कि है मेरे लिए लोअर कोर्ट या हाई कोर्ट कौन सा ठीक रहेगा शुरुयात के ६ माह के बाद अप्रोक्सिमट प्रति माह कितना तक कम सकता हु, अभी तक मैंने किसी भी बार कौंसिले मै रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया है कृपया अपने बहुमूल्य सुझाव से मेरा और मेरे जैसे नए वकीलो का भी मार्गदर्शन करने कि कृपा करे
साथ ही मेरे लिए क्या उचित रहेगा कि नौकरी में हाथ आजमाए या प्रैक्टिस में
आपका सदा ह्रदय से आभारी रहूगा
धन्यवाद
आपका
विजय मिश्रा
मोबाइल नंबर 8285950765
क्योंकि आप एकाउंट्स के कार्य से वाकिफ है बेहतर यही रहेगा आप इन्कम टैक्स या सेल्स टैक्स आदि में प्रैक्टिस की सोचें। इस में कमाई बहुत अच्छी है।वाराणसी एक बड़ा शहर है आप यहाँ के निवासी हैं। लोगों से आप का संपर्क है। इसलिए मेरी सलाह येही होगी आप अपना कारोबार अपने आसपास ही करें। दूसरी जगह स्थापित होना बहुत मुशकिल का काम है। कानूनी प्रैक्टिस के लिए बहुत लगन व मेहनत की जरूरत है। आप ईमानदारी से काम करें थोड़ा वकत गुजारें । कोई स्थापित वकील आसानी से आपको अपने साथ नहीं लेगा। अच्छा यही रहेगा आप खुद पर भरोसा करके, ईमानदारी से काम करें। देखते ही देखते आप एक सफल वकील बन जायेंगे।