गलत सूचना या प्रमाण पत्र के आधार पर प्राप्त सेवा से कार्मिक को हटाया जा सकता है।
|शशि साहु ने हल्दवानी, नैनीताल, उत्तराखंड से समस्या भेजी है कि-
एक प्रिंसिपल अनुसूचित जाति के मिथ्या प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी कर रहा है। यह प्रमाण पत्र आरटीआई द्वारा चाही गई सूचना में भी गलत बताया गया है। क्या किया जा सकता है?
समाधान-
यदि जिस रिक्त पद पर उस की नियुक्ति की गई है वह अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित पद है और उस व्यक्ति ने एक मिथ्या प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी प्राप्त कर ली है तो उस का इस तरह नौकरी प्राप्त करना गलत है, उस की नौकरी गलत सूचना और प्रमाण पत्र के आधार पर प्राप्त करने के आधार पर समाप्त की जा सकती है। यह एक दुराचरण भी है जिस के लिए उसे आरोप पत्र दिया जा सकता है और उसे सेवा च्युति का दंड दिया जा सकता है। यह अपराध भी है और उस के विरुद्ध विभाग द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई जा सकती है व अनुसंधान के बाद अपराध प्रमाणित पाए जाने पर उसे दंडित किया जा सकता है। इस तरह की नियुक्ति से अनुसूचित जाति के एक व्यक्ति का नियुक्ति का अधिकार समाप्त हुआ है।
आप इस के लिए उस के नियोजक अधिकारी को लिखित शिकायत करें। यदि आप की शिकायत पर कार्यवाही न हो तो आप उच्च न्यायालय में रिट प्रस्तुत कर के न्यायालय से प्रार्थना कर सकते हैं कि सरकार इस तरह गलत तरीके से नियुक्ति प्राप्त किए हुए व्यक्ति के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं कर रही है सरकार को निर्देश दिया जाए कि ऐसे व्यक्ति के विरुद्ध तुरन्त कार्यवाही करे।
१ शासकीय नियम के विपरीत मानदेय पर अपात्र होने पर भी नौकरी अविरत जारी है इस सम्बन्ध में क्या किया जा सकता है ?
२ इस नौकरी में जिले के अधकारी भी उसमे साथ है और नौकरी भी उन के द्वारा ही प्रदान की गई है
३ इस के विरुद्ध क्या कार्यवाही हो सकती है
४ इस संबंध में आर टी आई में भी जानकारी नहीं प्रदान की गई है
५ प्रथम अपीली अधकारी ने भी गोल मोल जबाब दिया कोई नर्णय नहीं लिया अवकाश की जानकारी को धरा ८ जी में देना से मना कर दिया है
६ नौकरी पर रख ने का भी प्रथम अपीली अधकारी के पास ही अधिकार था जिसका उस के द्वारा नियमो की अनदेखी कर के नौकरी पर रखा था
७ क्या प्रथम अपीली अधकारी को सुनवाई का अधिकार था ?