पूरी संपत्ति सब साझेदारों की सहमति से ही विक्रय की जा सकती है।
समस्या-
मोहम्मद जीशान ने सीतापुर, उत्तर प्रदेश से समस्या भेजी है कि-
एक घर का बैनामा है, उस पर ६ लोगो के नाम अंकित हैं। परन्तु ५ लोग उस मकान में १३ सालों से नहीं रह रहे हैं। अब वो ५ लोग अपना हिस्सा बेचना चाहते हैं। जिसका छठा हिस्सा है वो जबरदस्ती कब्ज़ा किये है, कृपया बेचने के लिए कानूनी हल बताएँ।
समाधान-
किसी भी संयुक्त संपत्ति के सारे साझेदार मिल कर आपसी सहमति से ही पूरी संपत्ति को विक्रय कर सकते हैं या फिर एक या एक से अधिक साझेदार उस संपत्ति में अपना हिस्सा विक्रय कर सकते हैं। यदि उन के पास कब्जे में संपत्ति का कोई भाग हो तो उस का कब्जा दे सकते हैं। इस तरह करने पर खरीददार को उस संपत्ति के एक भाग पर कब्जा मिल जाता है तथा पूरी संपत्ति के उतने हिस्से का वह साझीदार हो जाता है जितने हिस्से उसने खरीदे हैं। यहाँ समस्या यह आती है कि इस तरह के विक्रय में खरीददार नहीं मिलता। खरीददार को अपने हिस्सा अलग करने के लिए बंटवारे का मुकदमा करना पड़ता है।
आप के मामले में जिस के पास कब्जा है वह मकान बेचना नहीं चाहता। जो बेचना चाहते हैं उन के पास कब्जा नहीं है। बिना कब्जे के कोई हिस्सा खरीदने को तैयार नहीं होगा। वैसी स्थिति में बेचने के इच्छुक साझीदारों को बंटवारे का दावा करने तथा अपने हिस्से का कब्जा दिलाने के लिए दावा करना होगा और बंटवारा कराना होगा। एक बार बंटवारे की प्राथमिक डिक्री पारित होने पर अंतिम डिक्री पारित करने के दौरान वे चाहें तो छठे व्यक्ति का हिस्सा खरीद सकते हैं और पूरी संपत्ति के स्वामी हो जाने पर संपत्ति विक्रय कर सकते हैं।