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अन्य हिस्सेदारों के हिस्से रिलीज कराएँ या खरीद कर अपने नाम कराएँ।

lawसमस्या-

रंजन कुमार ने बरौनी, बिहार से पूछा है-

मेरे दादा जी के 6 लड़के एवं 2 लड़कियाँ हैं। 2 लड़कों (मेरे पिताजी और 1 चाचाजी) की मौत हो चुकी है। दादीजी अभी जिंदा हैं। संपत्ति का बँटवारा अभी तक नहीं हुआ है। मेरे नौकरी करने और विवाह होने पर दादाजी ने अपने नाम की ज़मीन पर, जो उन्हे उनके चाचाजी से गिफ्ट मिला था, मेरे लिए घर बनवा दिया। जिस के लिए पैसा मैं ने दिया था। दादाजी मेरे नाम से कोई कागज तैयार नहीं करवाया। घर के बने हुए 7 साल और दादाजी के मरे हुए 5 साल से अधिक हो गये हैं। घर मेरे कब्ज़े में है। यद्यपि मैं नौकरी के कारण घर से बाहर बंगाल में रहता हूँ। मैं उस ज़मीन का मालिकाना हक़ पाना चाहता हूँ तथा सरकार के करों का उचित भुगतान करना चाहता हूँ। इस के लिए मुझे क्या करना चाहिए?

समाधान-

संपत्ति दादाजी को गिफ्ट में प्राप्त हुई थी और उस पर उन का व्यक्तिगत स्वामित्व था। उस पर उन्हों ने आप से मकान बनवाने के लिए कहा और आप ने बना लिया। हो सकता है कि आप के पास इस बात के सबूत हों कि मकान आप ने बनवाया है। लेकिन उन के देहान्त के उपरान्त उस गिफ्ट में मिली जमीन के उत्तराधिकारी तो सभी छह लड़के और दो लड़कियाँ हैं। छह लड़कों में से जिन दो का देहान्त हो चुका है उन के हिस्से पर उन की पत्नियों और संन्तानों का उत्तराधिकार है। इस तरह उक्त भूखंड अविभाजित हिन्दू परिवार की संपत्ति है।

स संपत्ति के आप के नाम होने का एक ही तरीका है कि अविभाजित परिवार के शेष सदस्य आप के नाम उक्त मकान में अपने हकत्याग की डीड निष्पादित कर पंजीकृत करवा दें। आप को इस के लिए सभी को मना कर यह काम करवाना होगा। जब तक यह काम न हो तब तक आप कब्जा बनाए रखें। आप सभी अन्य हिस्सेदारों को उस जमीन में उन के हिस्से की कीमत आँक कर उस का भुगतान कर उन का हिस्सा खरीद भी सकते हैं। यदि ऐसा करते हैं तो आप को हिस्सा खरीद के विलेख का पंजीयन करवाना चाहिए।

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