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आप क्रूरता के आधार पर विवाह विच्छेद के लिए आवेदन कर सकती हैं।

समस्या-

सुशीला ने पोकरण, जैसलमेर, राजस्थान से समस्या भेजी है कि-

मेरे पति का व्यवहार मेरे और मेरे पैतृक परिवार के प्रति अच्छा नहीं है। जिस के कारण अब मैं मैं मानसिक रूप से बीमार हूँ। मेरे पति मेरे इलाज के लिए कुछ नहीं करते। मैं इस से परेशान हो कर अपने मायके आ गयी हूँ। अब मेरा पति मुझे और मेरे मायके के परिजनों को फोन कर के धमकियाँ दे रहा है वह मेरे रिश्तेदारों और जाति के लोगों को मेरे बारे में गलत बातें लिख कर मैसेज कर रहा है। जिस से मैं  वापस उस के पास जा कर रहने लगूँ। लेकिन मैं वापस नहीं जाना चाहती और तलाक लेना चाहती हूँ। मुझे बताएँ मैं तलाक कैसे ले सकती हूँ।

समाधान-

प के पति का व्यवहार आप के प्रति क्रूरता पूर्ण है, बीमार पत्नी का इलाज नहीं कराना और उसे बुरा भला कहना क्रूरता है। इस कारण आप का मायके आना पूरी तरह जायज था। उस के बाद उस का धमकियाँ देना और लोगों को आप को बदनाम करने वाले फोन मैसेज भेजना क्रूरता की इन्तेहा है। आप क्रूरता के इस आधार पर तलाक के लिए अर्जी उस जिले के परिवार न्यायालय मे प्रस्तुत कर सकती हैं जिस जिले में आप के विवाह की रस्म संपन्न हुई थी अथवा जिस जिले में आप अपने पति के साथ अन्तिम बार निवास कर रही थी।

इस के अतिरिक्त आप अपने स्त्री-धन की मांग अपने पति से कर सकती हैं नहीं देने पर यह धारा 406 आईपीसी का अपराध होगा। क्रूरता कर के और आप का इलाज न करा के वह धारा 498ए आईपीसी का अपराध कर ही चुका है। आप इन दोनों धाराओँ के अन्तर्गत पुलिस में रिपोर्ट कराएँ, यदि पुलिस कार्यवाही न करे तो एसपी को शिकायत करें और फिर भी कार्यवाही न होने पर मजिस्ट्रेट के न्यायालय में इस संबंध में परिवाद प्रस्तुत करें। इस के अलावा आप अपने लिए भऱण पोषण का खर्चा प्राप्त करने के लिए धारा 125 दं.प्र.संहिता और महिलओँ के प्रति घरेलू हिंसा का प्रतिषेध अधिनियम के अंतर्गत कार्यवाही कर सकती हैं।