DwonloadDownload Point responsive WP Theme for FREE!

जबरन कब्जा करने के प्रयास के विरुद्ध निषेधाज्ञा का वाद कर राहत प्राप्त करने का प्रयत्न करें।

House demolishingसमस्या-

राजेश कुमार ने लखनऊ, उत्तर प्रदेश से पूछा है-

क प्लॉट की रिजिस्ट्री मेने आमने नाम २२ जनवरी 2014 को करवाई थी और उस परतुरंत बाउंड्री बनवाकर कब्जा प्राप्त कर लिया था, यह प्लॉट उत्तर प्रदेशकी राजधानी लखनउ मे स्थित है. अभी कुछ दिन पहले एक दारोगा जी ने आकर एकपंजीकृत एग्रीमेंट दिखाया जो की ७ जनवरी 2013 को किया गया था जिसके मुताबिकविक्रेता ने यह प्लॉट उससे 8 लाख रुपये मे बेचने का इकरारनामा किया था, क्योंकि प्लॉट सीलिंग मे है इस लिए अग्रीमेंट के अनुसार 6 लाख नगद भुगतानकरके कब्जा प्राप्त करने की बात उस अग्रीमेंट मे लिखी है तथा बाकी 2 लाखरुपये रजिस्ट्री के समये देने को कहा गया है
एग्रीमेंट के अनुसारविक्रेता प्लॉट की सीलिंग निरस्त करवाकर क्रेता को सूचित करेगा उसके बाद एकवर्ष के भीतर क्रेता को उसकी रिजिस्ट्री करवानी है अब दारोगा जी का कहनाहै की हमको प्लॉट पर से कब्जा हटा लेना चाहिए और विक्रेता उसके बदले रुपयेलौटानेको सहमत है लेकिन हम ज़मीन पर से कब्जा नहीं हटाना चाहते। दारोगाजी हमारे बाउंड्री को गिराने और अपने बाउंड्री बनवाने का प्रयास कर रहे हैं।ऐसे स्थिति में हमें क्या करना उचित होगा? क्या रुपये लेकर कब्जा त्याग करनाही सही मार्ग है? उनका तर्क है की उनका एग्रीमेंट पुराना है इस लिएक़ानूनी रूप से वही सही है और मुक़दमे मे उन्ही को सफलता मिलेगी? क्या वोहमारी रजिस्ट्री निरस्त करवा सकते हैं? हमारे लिए सही कदम क्या होगा समझोताया मुक़दमा?अभी तक उस प्लॉट पर दारोगा जी ने कोई बाउंड्री नहीं बनवाई है।

समाधान-

प का मामला अधिक मजबूत है। आप एक सद्भाविक खरीददार हैं। आप की गलती सिर्फ इतनी है कि आप ने खरीद के पूर्व उप रजिस्ट्रार के कार्यालय में सर्च करवा कर यह नहीं देखा कि क्या उस जमीन के संबंध में कोई दस्तावेज पंजीकृत तो नहीं हो रहा है। वैसे मुझे संदेह है कि दारोगा जी का एग्रीमेंट पंजीकृत भी है या नहीं। क्यों कि आम तौर पर ऐसे एग्रीमेंट पंजीकृत नहीं कराए जाते हैं।

ग्रीमेंट में यह अंकित है कि सीलिंग का निर्णय होने पर वह क्रेता को सूचित करेगा। फिर उस निर्णय में जमीन का कब्जा नहीं दिया गया था। इस कारण से कब्जा तो आप का ही है। दरोगा ने केवल खरीदने का एग्रीमेंट किया था उस जमीन को खऱीदा नहीं था जब कि आप उस जमीन को खरीद कर उस पर कब्जा प्राप्त कर चुके हैं और अतिरिक्त धन खर्च कर के उस पर बाउंड्री भी बनवा चुके हैं। दरोगा अधिक से अधिक उन के द्वारा दिया गया धन उन के हर्जाने सहित विक्रेता से वापस प्राप्त कर सकती है। बेहतर है कि आप उस जमीन पर निर्माण की इजाजत ले कर निर्माण आरंभ कर दें।

दि इस में दरोगा कोई बाधा उत्पन्न करता है या उस के द्वारा बाधा उत्पन्न करने या जबरन जमीन पर कब्जा करने की आशंका है तो आपको तुरन्त दीवानी न्यायालय में निषेधाज्ञा का वाद प्रस्तुत कर अस्थाई निषेधाज्ञा प्राप्त करनी चाहिए कि वह भूखंड आप का है और कब्जा भी आप का है, विक्रेता और दरोगा उस में कोई हस्तक्षेप न करे। यदि दरोगा का कोई अधिकार बनता भी है तो वह न्यायालय में विशिष्ठ अनुतोष का वाद प्रस्तुत कर भूखंड की रजिस्ट्री कराने व उस का कब्जा प्राप्त करने की राहत प्राप्त कर सकता है। लेकिन आप के कब्जे में जबरन व गैर कानूनी तरीके से दखल नहीं दे सकता।

स तरह आप दरोगा के गैरकानूनी तरीके से उस भूखंड पर दखल करने के प्रयासों को रोक सकते हैं। यह तो आप को खुद ही तय करना होगा कि विक्रेता से अपना पैसा व हर्जाना लेकर जमीन वापस देने में लाभ है या उस पर कब्जा बनाए रख कर सालों तक मुकदमेबाजी करते रहने में लाभ है।

Print Friendly, PDF & Email