नवविवाहित अन्तर्जातीय युगल को अपने परिजनों से खतरा हो तो पुलिस संरक्षण के लिए रिट याचिका प्रस्तुत करे।
|सुरभित ने सीतापुर, उत्तर प्रदेश से समस्या भेजी है कि-
मैंने अपनी प्रेमिका से एक साल पहले शादी की थी, आर्य समाज में। अभी ये बात दोनों में से किसी के घर वालों को नहीं मालूम है। पत्नी अभी अपने घर पर ही रहती है। अब हम लोग साथ रहना चाहते हैं। दोनों ही अलग अलग जाति के हैं लेकिन हिन्दू दोनों लोग है। कौन सा ऐसा कदम उठायें कि जिस से पत्नी के घर वाले मेरे और मेरे घर वालों को कोई नुक्सान न पहुँचाएँ।
समाधान-
आप इस बात से डरे हुए हैं कि जैसे ही आप की पत्नी अपने परिवार को छोड़ कर आप के साथ रहने लगेगी वे आप के विरुद्ध पुलिस में शिकायत करेंगे या फिर आप के साथ कोई अपराधिक गतिविधि करेंगे। यदि वे पुलिस में शिकायत करते हैं तो आप की पत्नी के बयान पर निर्भर करेगा कि वे आप के व आप के परिवार वालों के साथ क्या करते हैं। यदि आप अपनी पत्नी पर विश्वास करते हैं तो उसे अपने साथ ला कर रह सकते हैं।
यदि आप को पत्नी के परिजनों द्वारा आप के या आप के परिवार के साथ कोई अपराध करने का अंदेशा है तो आप दोनों सीधे उच्च न्यायालय में एक संयुक्त रिट याचिका लगाएँ कि आप विवाहित हैं लेकिन आप के परिजन इस अंतर्जातीय विवाह के कारण आप दोनों के साथ और एक दूसरे के परिजनों के साथ कोई भी अपराध घटित कर या करवा सकते हैं। आप को पुलिस और प्रशासन के संरक्षण की आवश्यकता है। उच्च न्यायालय आप को पुलिस संरक्षण प्रदान करने का आदेश संबंधित पुलिस अधिकारियों को दे सकता है।