नामान्तरण को अब भी चुनौती दी जा सकती है।
|समस्या-
संजू देवी ने सीकर, राजस्थान से समस्या भेजी है कि-
मेरे पिताजी की मृत्यु मेरे जन्म के तीन माह पूर्व हो गयी थी। तब तक मेरे भाइयों ने सारी जमीन पर अपना नाम खातेदारी में दर्ज करवा लिया। हम तीन भाई और तीन बहनें हैं। मेरी माँ अन्धी हो गयी है। बेटों के सताने के कारण मेरे साथ ही रहती है। जमीन मेरी विरासत की है जमीन पर मेरे भाइयों ने स्टे ले रखा है। जमीन में मेरा नाम कैसे जुड़वाएँ?
समाधान–
आप को तुरन्त किसी राजस्व का काम करने वाले अच्छे वकील से संपर्क करना चाहिए जो कि आप के पिता की मृत्यु के उपरान्त हुए कृषि भूमि के नामान्तरण आदेश की अपील कर सके। आप सोच रही होंगी कि यह अब कैसे होगा। लेकिन नामान्तरण के समय आप का जन्म ही नहीं हुआ था। लेकिन आप जन्म से उस संपत्ति में हिस्सेदार हो चुकी हैं। अन्य बहनों और आप की माँ का भी खातेदारी मे नाम नहीं है। आप बालिग हुई और जब आप को पता लगा तब आप ऐसा कर सकती हैं। इस का साधन वकील बता देगा।
इस के अतिरिक्त आप जमीन के बंटवारे का मुकदमा भी कर सकती हैं। यह भी वकील से सलाह ले कर करें। भाइयों ने किस मामले में किस के विरुद्ध स्टे ले रखा है यह आप ने स्पष्ट नहीं किया है इस कारण उस पर कुछ कहना संभव नहीं है। आप कोई अच्छा वकील करेंगी तो वह आप को सही मार्ग दिखाएगा। अब तक आप बैठी रहीं। लेकिन आप को अब देरी न करनी चाहिए और तुरन्त कील से मिल कर यह काम करना चाहिए।
मेरे दादाजी के 2 पत्नी थी पहली पत्नी से मेरे पिता व 1 बुआ है बुआ का देहांत हो गया है तथा दादाजी की दूसरी पत्नी के 4लड़के व 2लड़की है मेरे दादाजी के नाम से 65बीघा स्वअर्जित व 60बीघा पुश्तेनी भूमि है 65बीघा स्वअर्जित भूमि की गिफ्टडीड मेरे व मेरे 2भाईयों के नाम से दादाजी ने अपने स्वर्गवास होने से 16दिन पहले स्वंय ने रजिस्ट्रार ऑफिस जाकर करवा दी और उसका नामांतरण भी हम तीनों भाईयों के नाम से हो गया है अब दादाजी की दूसरी पत्नी उसके लड़को व लड़कियों सभी ने दादाजी के बीमार होने का हवाला देकर सिविल दावा कर दिया है क्योंकि दादाजी अस्पताल में भर्ती थे और अस्पताल से 29जनवरी को सुबह दादाजी को छुट्टी मिली और 30जनवरी को स्वंय जाकर गिफ्टडीड निस्पादित करवाई थी जिसमें वहां फोटो भी कम्प्यूटराईज्ड खिंचा गया था । सिविल दावा में उन्होने बिमारी में दादाजी का मानसिक संतुलन सही नही होने का आरोप लगाया है लेकिन उनका ईलाज किडनी से संबधित था और ईलाज के कागजात में मानसिक संबधित कोई ईलाज नहीं है। तो क्या न्यायालय गिफ्टडीड निरस्त कर सकता है तथा जो पुश्तेनी 60बीघा भूमि अभी भी दादाजी के नाम से बदस्तूर जारी है उस भूमि में मेरे पिता व बुआ का हिस्सा मिल सकता है क्या ।राय दें आपकी मेहरबानी होगी