पत्नी से खुद या मध्यस्थ के माध्यम से बात करें, राह निकल सकती है।
|समस्या-
ब्यावर, राजस्थान से सांवेरनाथ ने पूछा है-
मैं एक गरीब परिवार का सदस्य हूँ। मेरे माता पिता अनपढ़ हैं, मेरी शादी 17.05.2011 को हुई। शादी के बाद मेरी पत्नी एक महीना मेरे पास रही। तब मैं सूरत में जॉब करता था, मेरी पत्नी भी मेरे पास थी। एक दिन घर में आटा ख़त्म हो गया तो मैं ने मेरी पत्नी से आटा पीसने को कहा, तो वो बोली की मेरे को आता पीसने में शर्म आती है। वो बीए तक पढ़ी हुई है और मे एम.ए. पढ़ा हूँ। इतनी से बात को लेकर उस ने अपने पापा को फ़ोन किया जो की आर्मी के रिटायर्ड फोजी हैं। उस के पापा ने मुझे धमकाया कि तुम मेरी बेटी को तुरंत लेकर आ जाओ। मैं लेकर गया तो उन्हों ने बोला कि तुम 3 महीना बाद लेने आ जाना। उसके दो महीना बाद ही उन्हों ने 498 का मुक़दमा लगा दिया और हमें रोड पर लाने की धमकी दी। जब से केस लगा है तब से मेरा जॉब बंद हो गया है और उन्होने 125 के तहत मेरी होल्सेल की दुकान बताकर मंथली 20000 रुपयों की माँग की है। जो मरा पूरा परिवार भी नहीं कमाता है। अब मेरी पत्नी ना तो आना चाहती है और न ही कोई फैसला करना चाहती है। अब मैं दूसरी शादी भी नहीं कर सकता। और तारीखों की वजह से काम भी नहीं कर पा रहा हूँ। मुझे क्या करना चाहिए?
समाधान-
मुझे लगता है कि आप की पत्नी या तो आप के साथ नहीं रहना चाहती है या फिर कुछ शर्तों के साथ। मामला तो पत्नी से बार बार बात करने पर ही सुलझेगा। आप पत्नी से बात करने की कोशिश कीजिए। अपनी नहीं उस की शर्तें जानने का प्रयत्न करिए। एक बार नहीं कई बार। उस से मामला सुलझ सकता है।
यदि ऐसे बात न बने तो पत्नी और आप के बीच मध्यस्थता से भी बात बन सकती है। आप को चाहिए कि आप तुरन्त धारा-9 हिन्दू विवाह अधिनियम में दाम्पत्य अधिकारों की पुनर्स्थापना का आवेदन प्रस्तुत करें। इस आवेदन की सुनवाई में न्यायालय अनिवार्य रूप से आप दोनों के बीच मध्यस्थता कराएगा। मध्यस्थता के लिए आप जिला न्यायाधीश के यहाँ स्थापित मध्यस्थता केन्द्र में भी आवेदन कर सकते हैं।
498-अ और धारा 125 के मुकदमों से घबराने की जरूरत नहीं है। फैसला तो जो सच होगा उसी के अनुसार होगा। तारीख पेशी पर तो जाना होगा। कोशिश करें को दोनों – तीनों मुकदमों की तारीखें एक ही दिन पड़ें। इस से आप की समय की बचत होगी। धारा 125 में कोई कितना भी भरणपोषण मांग सकता है। लेकिन उस में आप की आय और पारिवारिक सामाजिक स्थिति को ध्यान में रखा जाएगा।
aajkal ke husband-wife choti choti baato me binavajah dhamki aur mukadma karne ke liye taiyar baithe rahte hain, Ishwar kisi k sath aisa na kare……….