परस्पर विश्वास नहीं तो विवाह विच्छेद ही सर्वोत्तम हल है।
शिवकुमार ने दिल्ली से समस्या भेजी है कि-
मेरी शादी २०१० में हुई थी मेरा एक तीन साल का लड़का है, मेरी बीवी पिछले एक साल से अपने मायके रह रही है मेरे बच्चे को साथ लेकर। मेरे लाख कहने पर भी वह आने के लिए तैयार नहीं है कहती है कि मुझे लिख कर दो कि अगर मेरे साथ कुछ भी हो गया तो उसके जिम्मेदार तुम होगे। जबकि पिछले साल २०१४ में यह अपनी मर्जी से चार दिन के लिए घर से गायब हो गयी थी और इसके माँ बाप ने मेरे ऊपर अपनी बीवी को मारने की रिपोर्ट करा दी। जब वह चार दिन बाद मिली तो उसने थाने में बयान दिया कि मैं गुस्से में चली गयी थी। उस के बाद से वह थाने से ही राजीनामा लिखकर अपने मायके चली गयी 15 दिन की कह कर और एक साल होने पर भी आना नहीं चाहती। फ़ोन पर खुद और मेरे बेटे को मारने की धमकी देती है। उस ने फ़ोन पर मुझ से कई बार तलक माँगा है और उस के बाप ने भी कहा कि मेरी बेटी को तलाक दे दे। इन सब में मेरे बेटे का फ्यूचर ख़राब हो रहा है। मैं उसे लाकर अलग रखना चाहता हूँ। पर मैं खुद भी उस के साथ रह नहीं सकता क्यों कि वह मुझे मारने के लिए कोई भी हद पार कर सकती है। मैं परिवार में अकेला कमाने वाला हूँ, मेरे तीन छोटे भाई बहन हैं जिन की जिम्मेदारी मेरी उपर है। मैं चाहता हूँ कि वह आकर मेरे द्वारा दिलाए गए किराये के मकान में रहे और मेरे बच्चे को स्कूल भेजे, सारा खर्चा मैं दूंगा। पर वह कहती है कि पहले तुम लिखकर दो की मेरी जिम्मेदारी तुम्हारी होगी। क्यों कि वह पहले ही विश्वासघात कर चुकी है तो मैंने उसे कहा है कि तू अपने और अपने पापा के साइन कराकर चली आ कि मेरे द्वारा की गयी कोई भी अनहोनी की जिम्मेदार मैं खुद होउंगी। इस पर वह तैयार नहीं है, बल्कि मुझे से कह रही है कि तुम मुझे लिखकर दो कि मेरे साथ कुछ भी हुआ तो तुम जिम्मेदार हो और तुम मेरे साथ ही रहोगे। मैं ने उसे कहा कि जब तुझे मेरे साथ ही रहना था तो पुलिस मेरे खिलाफ झूठी रिपोर्ट और महिला सेल में मेरे पीठ पीछे रिपोर्ट क्यों करी? तो वह कहती है कि मैंने अपनी सेफ्टी के लिए की थी। अब मैं अपने बच्चे को वापिस पाना चाहता हूँ। क्योकि वह दिमाग से बेकार है और वह मेरे बच्चे को मार सकती है। जिस की उस ने मुझे फ़ोन पर कई बार धमकी दी है। मेरे उपर खर्चे के केस की धमकी देती है, मेरे घर वालों को मरवाने की धमकियाँ देती है। यह सब मेरे पास फ़ोन में रिकॉर्ड है। अब आप मुझे बतायें कि मुझे अपने बेटे के लिए क्या करना चाहिए? क्यों कि उसे लगभग 20 बार माफ़ करने बाद यह हाल है। हर बार मैं ने बाहर के लोगों के कहने पर समझौता किया। पर इस बार तो पानी सर से ऊपर हो गया और मेरा उसका रिश्ता अब न के बराबर है। आप मुझे सलाह दें। मेरा बच्चा ३ साल एक महीने का है।
समाधान–
आप की कहानी पूरी तरह से एकतरफा है। आप ने अपनी शिकायतें लिख दीं हैं, लेकिन तथ्य बिलकुल नहीं बताए हैं। विवाह के उपरान्त आप लोग ठीक से रहे, एक संतान हो गयी और उस के बाद झगड़े शुरू हो गए और इस कदर हो गए कि आप की पत्नी घर छोड़ कर चली गयी और चार दिन तक गायब रही। पुलिस में उस ने भी असली शिकायत न बता कर खुद के गुस्से पर सारी बात ले कर आप को बचा लिया। 15 दिन बाद मायके से वापस लौट कर आने को कहा, लेकिन नहीं आयी। आप दोनों के बीच कुछ तो ऐसा घटित हुआ है जिस के कारण आप की पत्नी को आप का घर छोड़ कर जाना पड़ा। यदि आप वह सब नहीं बताएंगे तो समस्या का सही समाधान नहीं दिया जा सकता। यदि गायब होने और पुलिस के पास पहुँचने के बाद वह आप की शिकायतें करती तो आप और आप के परिवार के लोग गिरफ्तार हो सकते थे। लेकिन उस ने ऐसा नहीं किया। उस ने आप को सिर्फ इस कारण बचाया कि आप के साथ वह रिश्ते को समाप्त नहीं करना चाहती थी या फिर इस मामले में निर्णय नहीं कर पा रही थी।
मायके पहुँच कर उस ने अपने मायके वालों को अपनी व्यथाकथा बताई होगी, निश्चित रूप से उन्हों ने आपस में भी सलाह की होगी। तब उस के सामने यही रास्ता बचा होगा कि वह या तो तलाक ले कर आप से अलग हो जाए, या फिर आप से सुरक्षा के लिए वायदा ले। आखिर उस की इस मांग के पीछे उस की कोई तो मानसिकता या डर काम कर रहा होगा। हो सकता है आप की निगाह में पत्नी के प्रति आप के सभी कृत्य उचित रहे हों, लेकिन फिर भी कुछ तो बातें ऐसी हैं जिन के कारण आप की पत्नी को आप का विश्वास नहीं है वह आप से डरती है। आप को वह कारण अपने भीतर तलाशना चाहिए। आप पत्नी को अपने साथ नहीं, अलग किराए के मकान में रखना चाहते है, आप उस के साथ रह नहीं सकते। क्या यह पत्नी का अपमान नहीं है? क्या कोई भी स्वाभिमानी औरत यह सब स्वीकार कर सकती है? आप ने कहा कि आप 20 बार पत्नी को माफ कर चुके हैं। अर्थात आप उसे गुनहगार समझते हैं। उस ने क्या गुनाह किया है यह भी तो आप नहीं बताना चाहते।
आप दोनों के बीच कोई आपसी विश्वास नहीं है। दोनों एक दूसरे से डरते हैं। इस डर को निकालना भी नहीं चाहते। जिस तरह से आप अपनी पत्नी को रखना चाहते हैं वह किसी भी स्त्री के लिए घोर अपमान जनक है। हमें नहीं लगता कि आप दोनों किसी भी तरह से साथ रह सकते हैं। सब से अच्छा यही है कि आप की पत्नी तलाक के लिए कह रही है तो आप दोनों सहमति से तलाक की अर्जी लगाएँ और सहमति से विवाह विच्छेद की डिक्री पारित करा लें। यदि सहमति से तलाक हो तो यह भी तय किया जा सकता है कि बच्चा भविष्य में कब और किस के पास रहेगा उस का पालन पोषण कैसे होगा। कौन कौन कब कब बच्चे से मिलेगा। आप बच्चे को अपने पास रखना चाहते हैं क्यों कि बच्चा आप का है। लेकिन बच्चा क्या आप की पत्नी का नहीं है? वह भी कहेगी कि बच्चा उस का है वह अपने पास रखेगी। यह भी सही है कि जिस उम्र का बच्चा है उस उम्र में बच्चे को माँ की अधिक जरूरत है। इस कारण इस समय तो न्यायालय भी यही निर्णय करेगा कि बच्चा माँ के साथ रहे। अदालत कभी भी बच्चे पर माँ और पिता के अधिकार को नहीं देखती, वह देखती है कि बच्चे का हित किस में है। भविष्य में जब भी आप समझें कि उस की माँ के पास उस का हित सुरक्षित नहीं है तो तथ्यों के साथ आवेदन करें। शायद बच्चे की अभिरक्षा आप को मिल जाए।
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- स्त्री से उसका स्त्री-धन वापस प्राप्त करने का विचार त्याग दें।
- आपसी समझ बना कर वैवाहिक समस्या का समाधान तलाशने का प्रयत्न करें।
- बच्चे की अभिरक्षा के लिए न्यायालय बच्चे का हित देखेगा।
- हिन्दु विवाह विच्छेद न्यायालय के बाहर संभव नहीं
- स्वयं के स्वामित्व की संपत्ति के विक्रय के लिए परिजनों की सहमति की आवश्यकता नहीं।
- तलाक का आधार हो तो दूसरे पक्ष की सहमति की जरूरत नहीं।
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लगभग दस महीने पहले मेरा रिश्ता तैय हुआ था और नवम्बर माह मे विवाह होना तैय किया गया था।परन्तु अब लड़की और उसकी मातापिता ने कई तरह की बातो के लिए मुझ पर दबाव बनाना शुरू कर दिया।विशेषकर शादी के बाद रहने को लेकर ।मेने पहले इस विषय पर बात करने से मना किया ।परन्तु फिर उहोने कहा की पहले आप पक्का करो की मैं (लड़की) शादी के बाद गॉव मे नही रहूगी।बल्की आप के साथ शहर मे ही रहूगी।मैने बाद मे दो से तीन महीने बाद साथ रखने के लिए कह दियाउसकी माता जी से भी कह दिया।परन्तु लड़की ने कहा नहीं मुझे लिख कर दो।इस पर मैने कहा यह कोई लिखकर देने वाली बात हैं।उसने कहा मुझे विश्वास नही है।ये बाते मेने अपनी माता जी से कही ।उन्होने उसकी माता से कहा की इस तरह की बाते न कहे।इस बात को लड़की ने मुझसे कहा तुमने मेरी शिकायत मेरी मम्मी से क्योंकी ।अब मुझे तुमसे शादीनही करनी।अब उन लोगो ने अपनी ओर से रिश्ता समाप्त कर दिया है।हमने रिश्ते।को बचाने की काफी कोशिश भी की।परन्तु अब उन लोगो ने समाज में हमारे विपरीत झूठी बाते लूनी शुरू कर दी। दहेज की माँगओर मेरे चरित्र के बारे मे।अब तक़ हमउम्मीद कर रहे थे।मामला हल हो जायेगा ।अब मुझे उन पर कानूनी सहायता सलाह प्रदान करो।म्ानहानि व क्षतिपूर्ति।