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अयोग्य व्यक्ति का दत्तक ग्रहण नहीं किया जा सकता।

समस्या-

के आर जानी ने गुणेशाणियों की ढाणी धोरीमना जिला बाड़मेंर, राजस्थान ने बताया है-

मेरा भाई ने ताऊ से गोदनामा पंजीकृत करवाया। जिनके एक बेटी है जो 25 वर्ष से ससुराल में रहती है। ताई की मृत्यु 40 बर्ष पहले हुई। ताऊ ताउम्र मेरे भाई के साथ ही रहता रहा है। अब ताऊ की मत्यु हो जाने पर ताऊ की पुत्री गोदनामा निरस्त करवाने का अपर जिला न्यायालय (प्रथम) में वाद दायर किया है कि पिता का सम्पूर्ण मेरा है, न कि आधा।

समाधान-

के आर जानी जी, आप ने सिर्फ तथ्य लिखे हैं कोई सवाल नहीं पूछा है। पर हम जानते हैं कि आप जानना चाहते हैं कि सही क्या है और गलत क्या है। हम जवाब इसलिए दे रहे हैं कि कानून के बारे में अनेक गलतफहमियाँ तथा गलत जानकारियाँ हमारे समाज में मौजूद हैं और हम यह चाहते हैं कि ये गलतफहमियाँ दूर हों।

यदि किसी व्यक्ति की पत्नी का देहान्त हो जाए, माँ भी जीवित नहीं हो, कोई पुत्र न हो और केवल एक बेटी जीवित हो तो उसे यह सारी जायदाद मिलेगी, यदि ताऊ ने कोई बेटा गोद लिया हो तो उस के गोद पुत्र और बेटी को यह जायदाद आधी आधी मिलेगी। पर यदि गोदनामा कानून के मुताबिक न होगा तो यह माना जाएगा कि उस व्यक्ति ने किसी को गोद लिया ही नहीं था। वैसी स्थिति में गोदनामा व्यर्थ हो जाएगा और सारी जायदाद बेटी को मिल जाएगी।

मौजूदा गोद कानून के अनुसार गोद लिए जाने वाले व्यक्ति को गोद लिए जाने के योग्य होना चाहिए। कोई ऐसा व्यक्ति गोद नहीं लिया जा सकता जिस की उम्र 15 वर्ष से अधिक हो। आप का कहना है कि गोदनामा भाई ने ताऊ से पंजीकृत करवाया था। तो उस वक्त आप का भाई बालिग हो चुका होगा और उस की उम्र 15 साल से अधिक हो चुकी होगी इस तरह इस गोदनामे का कोई मूल्य नहीं रहा। यदि गोदनामा लिखने के समय आपके भाई की शादी भी हो चुकी थी तो यह भी कानून है कि शादीशुदा व्यक्ति को गोद नहीं लिया जा सकता।

यदि आप का भाई गोदनामा लिखे जाने के वक्त 15 साल से कम का था तो आप ने यह नहीं बताया है कि जब गोदनामा लिखा गया तब क्या आप के माता पिता जीवित थे? यदि वे या उन में से कोई एक जीवित था तो वह आप के भाई को गोद दे सकता था। लेकिन यदि वे दोनों जीवित नहीं रहे थे तो आप के भाई का संरक्षक ही गोद दे सकता था। यदि आपके ताऊ खुद संरक्षक थे तो भी वे आपके भाई को गोद ले सकते थे। लेकिन इन दोनों ही हालात में जिला जज के यहाँ आवेदन दे कर उस की अनुमति लेना जरूरी था। यदि ऐसी अनुमति नहीं ली गयी है तो भी गोदनामा किसी काम का नहीं है। यदि ये सारी कमियाँ गोदनामे में हैं तो आप के ताऊ की बेटी सही है वह सारी जायदाद की मालिक है और उसे इस दावे में सफलता मिलेगी।

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