पिता की संपत्ति में हिस्सा?
समस्या-
सुबाला देवी ने रांची, झारखंड से समस्या भेजी है कि-
मैं एक शादीशुदा महिला हूँ। मैं अपने पिताजी के चल-अचल संपति में हिस्सा चाहती हूँ। लेकिन मेरे पिताजी माँ और मेरे भाई हिस्सा नहीं देना चाहते हैं। इसके लिए मुझे क्या करना होगा? मेरे पास कोई कगजात भी नहीं हैं।
समाधान-
किसी भी पुत्र या पुत्री को अपने पिता या माता की स्वअर्जित सम्पत्ति में हिस्सा प्राप्त करने का अधिकार नहीं है। जब तक वे जीवित हैं यह संपत्ति उन की है और वे अपनी इच्छानुसार इस का उपयोग कर सकते हैं। यदि माता या पिता में से किसी का देहान्त हो जाए और मृतक ने अपनी संपत्ति या उस का भाग वसीयत न किया हो तो ऐसी संपत्ति का स्वामित्व मृत्यु के साथ ही उस के उत्तराधिकारियों में निहीत हो जाता है। सभी उत्तराधिकारी उस संपत्ति के संयुक्त स्वामी हो जाते हैं। ऐसे संयुक्त स्वामियों में से कोई भी संपत्ति के बंटवारे और अपने हिस्से पर पृथक कब्जा प्राप्त करने का वाद न्यायालय में संस्थित कर सकता है।
यदि आप के पिता के पास कोई पुश्तैनी सहदायिक संपत्ति है तो उस में जन्म से ही पुत्रों का अधिकार होता है। 2005 से पुत्रियों का अधिकार भी होने लगा है। तब आप उस संपत्ति की संयुक्त स्वामी हो सकती हैं और उस में आप का हिस्सा हो सकता है। आप चाहें तो बँटवारे और अपने हिस्से पर पृथक कब्जा प्राप्त करने का वाद न्यायालय में संस्थित कर सकती हैं।
Mere papa 3 bhai hai aur mere dada mere papa ko kuch dena nahi chayte hai. To mere dada ke sampati me mera adikhar hoga kya????
दादा की स्वयम की खरीदी गयी है तो जब तक जीवित है उनका अधिकार है उनका स्वर्गवास अगर बिना वसीयत के हो जाता है तो आप सभी का अधिकार है .
Meri khatedari ki jamin settlement ke waqt mander ke name chad gai pls. Mujhe samadan batay
Meri khatedari ki jamin settlement ke waqt mander ke name chad gai pls. Mujhe samadan batay
Meri khatedari ki jamin settlement ke waqt galati we mander ke nam chad gai pls.Ramadan batay
मेरे पिताजी का १९९९ में देहांत हो गया है और बहेनो का नाम खेत में आ गया है और सभी बटवारा चाहती है में बटवारा नहीं Dena चाहता तो केश किसके पक्छ में जाएगा
Mai ek jameen 30 saal pahle ek sikh se karida tha wo agreement karke dya aur wah ab bihar sarkar ka jmeen h jisme sikh ka name awed dakal dhikha raha h ..aur ab sikh jise lya tha wo ek munda yani cnt act jameen tha mujhe papar banna h kya karna chaye..
आप की समस्या स्पष्ट समझ नहीं आ रही है।
खेती की जमीन के मामले में आप किसी स्थानीय वकील से सलाह करें तो बेहतर है।
दिनेशराय द्विवेदी का पिछला आलेख है:–.पिता की संपत्ति में हिस्सा?
मेरे परनानाजी (स्वर्गीय नाथूलाल जी)को कृषि भूमि उनके पिता (स्वर्गीय देवीलालजी) से 1956 के पूर्व बिना वसीयत के उनकी मृत्यु के बाद प्राप्त हुई उसके बाद मेरे परनानाजी की मृत्यु के बाद मेरे नानाजी (स्वर्गीय नानालालजी)को उक्त कृषि भूमि प्राप्त हुई. वर्ष 1993 में मेरे नानाजी की मृत्यु के बाद मेरे नानीजी और मेरे मामा ने उक्त कृषि भूमि पर नामांतरण कर अपने नाम कर दिया.उक्त कृषि भूमि वर्तमान में 4 पीढ़ी पुरानी है.और उक्त भूमि बिना वसीयत के ही पीढ़ी दर पीढ़ी अपना हक जताते रहे है अब में ये जानना चाहता हु की क्या मेरी माँ (उनके पिता)मेरे स्वर्गीय नानाजी (स्वर्गीय नानालालजी)की कृषि भूमि पर अपना हक जता सकती है/कानूनन रूप से उक्त कृषि भूमि पर उनका अधिकार है ?कृपया जल्द से जल्द जवाब देवे.जवाब अर्जेंट है. धन्यवाद !
आपके नाना की मृत्यु दोहजारपाचके पूर्व होने वसंपत्ति पैतृक सहदायिक होने से आपकी मा का कोई अॅधिकार नही होगा
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