पूर्व विवाह के आधार पर विवाह को रद्द करने की डिक्री प्राप्त करने हेतु आवेदन करें।
|समस्या-
अलीगढ़ उत्तर प्रदेश से पंकज आर्य ने पूछा है-
मेरे दोस्त राहुल की शादी अलीगढ़ से 25 जून 2012 को हुई थी, लेकिन शादी के पहले दिन लड़की ने दोस्त को बोला कि मेरी कोर्ट मैरिज हो गई है, और मैं उसी से प्यार करती हूँ। मेरे बाप ने मेरी शादी आपसे जबरदस्ती करवा दी है, आप मुझे मेरे पति के पास पहुँचा दो, वरना मैं मर जाउंगी। इस घटना के बाद घर में कोहराम मच गया और दोस्त के पापा ने गाँव की पंचायत बिठा दी। पंचायत में भी लड़की ने ना रहने की बात बोली। फिर पंचायत में लड़की के पिता को बुलाया गया। पंचायत ने एक स्टांप पेपर पर लड़की के बाप से ये लिखवाया कि अगर लड़की मर गयी तो उस के पिता की ज़िम्मेदारी है। उसके बाद लड़की का पिता उसे वापस ले गया। वह अब फोन पर जान से मारने की धमकी देता है। फिर दोस्त ने लड़की के बारे में पता किया तो पता चला कि लड़की ने जो बताया वो एकदम सही बात है। लड़की 7 साल से अपने एक दूर के रिश्तेदार के लड़के के साथ प्यार में थी और दोनों ने भाग कर शादी कर ली थी। लड़की के पेट में 3 महीने का बच्चा था जिस का उसके बाप ने गर्भपात करवा दिया था और लड़की को प्यार से घर वापस बुलाकर ज़बरदस्ती शादी मेरे दोस्त से कर दी। लड़की के हाथ पर लड़के का नाम और आई लव यू लिखा है जो की कटवा दिया है। अब लड़की आने से मना कर रही है और मरने की धमकी दे रही है। पर लड़की का पिता उसे ज़बरदस्ती भेजना चाहता है। पर मेरा दोस्त ऐसी चरित्रहीन लड़की को जो कभी मी जान दे सकती है और अपने पूर्व पति के साथ भाग सकती है को नहीं रखना चाहता। वह उस से नफ़रत करता है। अब लड़की के बाप ने अलीगढ़ महिला थाने मे दहेज का केस लिखवा दिया है। मेरा दोस्त बहुत परेशान है उसे क्या करना चाहिए? दहेज के केस के बाद क्या होता है? वो इस बला से कैसे बच सकता है? लड़की का बाप जान से मारने की धमकी देता है। लड़की के पूर्व पति ने लड़की को वापस लाने के लिए हाईकोर्ट में हैबियस कॉर्पस भी किया था पर लड़की के बाप ने लड़की और लड़के को जान से मारने की धमकी देकर उल्टे बयान लड़की से दिलवा दिए। लड़की लड़के के साथ नहीं जा सकी। ऐसा लड़की ने मेरे दोस्त को बताया था। उसे क्या करना चाहिए?
समाधान-
आज हमारे कानून के अनुसार अवयस्क का विवाह करना अपराध है। जब विवाह वयस्कों का होता है तो पूरी तरह उन की इच्छा के अनुसार होना चाहिए। लेकिन हमारा समाज बदल नहीं सका है। लड़कियों का विवाह करते समय उन की इच्छा नहीं देखी जाती। केवल माता-पिता अपनी बदनामी या सम्मान देखते हैं। उसी से इस तरह की समस्याएँ उत्पन्न होती हैं। आप के गाँव की पंचायत ने भी उस लड़की के पूर्व में विवाहित होते हुए भी उस के पिता से लिखवा कर उसे आप के दोस्त के साथ रहने दिया। उस लड़की को चरित्रहीन कहना और उस से नफरत करना गलत है। उस का क्या कसूर है? उस ने प्यार किया उसी से शादी की। बालिग हो कर प्यार करना और उस से विवाह करना अपराध नहीं अपितु बालिग लड़की लड़कों का जनतांत्रिक अधिकार है। अपराध तो उस के पिता ने उस का गर्भपात करवा कर किया है। लड़के और लड़की को जान से मारने की धमकी दे कर ब्लेक मेल कर के उसे अवैध शादी करने पर मजबूर कर के तथा जबरन बेटी का दूसरा विवाह कर के किया है।
उस लड़की को पहला अवसर मिलते ही आप के दोस्त को वस्तुस्थिति से अवगत करवा कर ईमानदारी का ही परिचय दिया है। आप के मित्र को चाहिए था कि हंगामा करने के स्थान पर उस लड़की को उस के पति के पास पहुँचाने का विश्वास दिला कर कार्यवाही करता और सब से पहले पुलिस या अदालत में उस का बयान कराता। लेकिन उस ने भी पंचायत के माध्यम से उसे जबरन अपनी पत्नी बनाना चाहा।
अभी भी इस मामले में अनेक तथ्य हैं जिन से आप के दोस्त को मदद मिल सकती है। लेकिन इन तथ्यों को साबित करने वाले साक्ष्य आप के दोस्त को जुटाने चाहिए। जैसे उस व्यक्ति का पता लगाना चाहिए जिस से उस की पहले शादी हो चुकी थी। उस से मिलना चाहिए और उसे कहना चाहिए कि आप का दोस्त चाहता है कि तुम्हारी शादी पहले हुई है इस लिए उस की मेरे साथ हुई शादी अवैध है। इस लिए उसे अपने पहले पति के साथ ही रहना चाहिए। इस काम में वह उस की मदद करने को तैयार है। इस तरह आप के दोस्त को इस मामले में एक मददगार मिल जाएगा। पूर्व की हैबियस कार्पस रिट पिटिशन की प्रमाणित प्रतियाँ प्राप्त हो सकती हैं। यदि वह लड़की पूर्व में गर्भवती रही है तो उस का गर्भपात जहाँ कराया गया था वहाँ से सबूत मिल सकते हैं। उस लड़की के चिकित्सकीय परीक्षण से गर्भपात का सबूत मिल सकता है। गाँव की पंचायत में इकट्ठे हुए लोग और पंचों की गवाही तथा उस लड़की के पिता के लिखत से भी आप के दोस्त को मदद मिल सकती है।
आप का दोस्त ये सब तथ्य और सबूत सामने रख कर पुलिस से उस मामले को समाप्त करने की कह सकता है। पुलिस फिर भी कार्यवाही करती है तो अदालत के सामने ये सब सबूत रख कर एफआईआर को रद्द करने की कार्यवाही कर सकता है। पिछले विवाह के सबूत मिल जाएँ तो आप का मित्र हि्न्दू विवाह अधिनियम की धारा 12 के अंतर्गत न्यायालय में आवेदन कर अपने विवाह को अदालत से रद्द करवा सकता है। लेकिन यह सब तभी संभव हो सकता है जब आप का दोस्त उस लड़की के पहले पति को विश्वास में ले और किसी तरह से उस लड़की को भी विश्वास दिलाए कि वह उन दोनों को एक करने में मदद करेगा। यदि आप का मित्र यह सब नहीं करता है तो उस लड़की के पिता द्वारा फैलाए गए दुष्चक्र में और फँसता चला जाएगा। हमारी राय तो यही है कि उसे अपने यहाँ किसी अच्छे वकील से राय कर के अपने विवाह को रद्द कराने की कार्यवाही करनी चाहिए।
सही सलाह दी गयी है। मैं सहमत हूँ।
Mahesh Kumar Verma का पिछला आलेख है:–.भारतीय गणतंत्र के 63 वर्ष