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बँटवारे, रास्ते और निषेधाज्ञा के लिए वाद संस्थित करें

समस्या-

अरविन्द कुमार सिंह ने ग्राम पोस्ट – धराँव वाया -जलालपुर जनपद-जौनपुर, उत्तर प्रदेश से पूछा है-

पुस्तैनी जमीन का तीन भाइयों में बटवारा हुआ है, तीनो ने क्रम से मकान बना लिये। छोटे भाई को अन्तिम छोर पर जमीन मिली, लेकिन रास्ता उसके घर तक नहीं है। स्टाम्प पेपर पर लिखित रूप से जमीन का बँटवारा हुआ है। कहा गया कि रास्ता आपसी सहमति से मिलेगा। अब बीच वाले भाई रास्ता नहीं दे रहे हैं हम क्या करें?

समाधान-

जमीन पुश्तैनी है, आपसी सहमति से बँटवारा हुआ है और उसका मेमोरेण्डम लिखा हुआ है। यदि यह मेमोरेण्डम बँटवारा होने के बाद लिखा गया है तो यह बँटवारा तो सही माना जाएगा। वर्ना इसे बँटवारा ही नहीं माना जाएगा। बँटवारे के हिसाब से मकान भी बना लिए हैं। लेकिन उस वक्त रास्ते के प्रश्न को हल नहीं किया गया। क्योंकि बँटवारा भी आपसी सहमति से ही हुआ था और उसी समय इस प्रश्न को हल कर लिया जाना चाहिए था।

आपने यह नहीं बताया कि तीनों में मकान बना लिए हैं तो अभी कहाँ से निकल रहे हैं? लेकिन का उपयोग कर रहे हैं उसे बन्द भी नहीं किया जा सकता।

रास्ता देने की सहमति इस बँटवारे में है, इस कारण से रास्ता तो आपके भाइयों को देना होगा। फिलहाल उपाय यह है कि किसी अच्छे दीवानी मामलों के वकील से मिलिए, उससे दोनों भाइयों को रास्ता देने के लिए एक लीगल नोटिस दिलाइए। यदि भाई मिल बैठ कर रास्ता देने को तैयार हो जाएँ तो ठीक। अन्यथा स्थिति में बने हुए मकानों के हिसाब से बँटवारा करने, रास्ता देने के लिए तथा मौजूदा रास्ता जिसे आप उपयोग कर रहे हैं उसे नया बँटवारा हो कर प्रभावी होने तक के लिए उसके उपयोग से आप को न रोकने के लिए निषेधाज्ञा का वाद संस्थित कराएँ। उसी से समाधान हो सकेगा।