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माता के पूर्व पति की संपत्ति के उत्तराधिकार का प्रश्न…

हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियमसमस्या-

पवन ने सागर मध्य प्रदेश राज्य की समस्या भेजी है कि

कोई महिला अपने पति के मरने के बाद किसी दूसरे से विवाह करती है तो क्या उस से होने वाली संतानें उस महिला के पहले पति की संपत्ति की अधिकारी होंगी या नहीं? महिला के पहले पति की मृत्यु सन् 1948 के पहले हो चुकी है। महिला के पहले पति से दो संताने हैं और दूसरे पति से भी उसे दो संताने है। महिला की मृत्यु 2009 में हो चुकी है। दूसरे पति की संतानों ने 2013 में पहले पति की पैतृक संपत्ति में हिस्सेदारी पाने हेतु सिविल वाद प्रस्तुत किया है। अभी संपत्ति पहले पति की संतानों के नाम है क्या इन चारों में संपत्ति का बँटवारा समान रूप से हो सकता है?

समाधान-

संपत्ति से संबंधित समस्याएँ अक्सर जटिल होती हैं। पैतृक संपत्ति का अस्तित्व अब लगभग समाप्त हो रहा है। 1956 में हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम अस्तित्व में आने के बाद से किसी भी पुरुष पूर्वज से किसी भी पुरुष को उत्तराधिकार में प्राप्त होने वाली ऐसी संपत्ति जो उक्त अधिनियम प्रभावी होने के पूर्व से पैतृक नहीं थी पैतृक संपत्ति में परिवर्तित नहीं हो रही क्यों कि अधिनियम की अनुसूची में जीवित पुत्र के पुत्र और पौत्र को शामिल नहीं किया गया है। इस कारण आप को पहले किसी भी विवादित सम्पत्ति का इतिहास 1956 के पहले उत्तराधिकार में प्राप्त हुई हो वहाँ तक का जाँचना पड़ेगा कि वह वास्तव में पैतृक है भी या नहीं। अक्सर ऐसा होता है कि वादी वाद प्रस्तुत करता है और किसी ऐसी संपत्ति को पैतृक बता देता है जो वास्तव में पैतृक नहीं है और प्रतिवादी उसे भ्रम में अथवा उस में अपना लाभ देख कर जानबूझ कर स्वीकार कर लेता है और वह संपत्ति पैतृक मान ली जाती है, जब कि वह होती नहीं है। आप के मामले में पहले यह निर्धारित करें कि संपत्ति पैतृक है या नहीं है।

हाँ तक साधारण उत्तराधिकार का प्रश्न है। किसी भी व्यक्ति की मृत्यु होते ही उस की संपत्ति उसी समय उस के उत्तरादिकारियों को मिल जाती है। आप को इस समस्या पर उसी दृष्टि से विचार करना होगा। एक स्त्री के पति के देहान्त के समय उस के दो संताने जीवित हैं तो उस के पति की संपत्ति के 3 हिस्से हो कर एक एक हिस्सा तीनों को मिल चुका है। अब उस संपत्ति में 1/3 हिस्सा स्त्री का है। उस स्त्री ने दूसरा विवाह किया और दो संताने और हो गईं और उस के बाद स्त्री की मृत्यु हो गई, अब उस स्त्री को जो 1/3 हिस्सा अपने पूर्व पति से मिला है उस में उस की चारों संतानों का बराबर का हिस्सा होगा। जो 2/3 हिस्सा पहले ही पूर्व पति की संतानों को प्राप्त हो चुका है उस में दूसरे पति की संतानों का कोई अधिकार नहीं है।