मुस्लिम विधि में एक तिहाई संपत्ति वसीयत की जा सकती है वह भी गैर उत्तराधिकारी को
समस्या-
मोहम्मद मुंतजर रहमान ने ग्राम झितकही, जिला मुजफ्फरपुर बिहार से पूछा है-
मेरे पापा मेरे दादाजी के बड़े पुत्र थे। लेकिन उन्हों ने मेरी दादी की मृत्यु के बाद दूसरी शादी कर ली थी। दूसरी पत्नी से उन्हें जो बेटा हुआ उसी को सारी जमीन वसीयत कर दी। वसीयत करने के बाद उन की मृत्यु हो गयी। क्या मेरे पापा को बी उन की जमीन जायदाद में हिस्सा मिल सकता है?
समाधान-
आप के नाम से पता लगता है कि आप धर्म से मुस्लिम हैं। यदि ऐसा है तो आप पर मुस्लिम विधि प्रभावी होगी।
आप के दादा ने क्या वसीयत की है यह स्पष्ट नहीं है। लेकिन मुस्लिम विधि में एक मुस्लिम अपनी समूची जायदाद की केवल एक तिहाई जायदाद की ही वसीयत कर सकता है इस से अधिक जायदाद की वसीयत नहीं कर सकता। आप के दादा जी ने जो वसीयत की है यदि वह उन की पूरी जायदाद की है तो यह वसीयत कानून के अनुसार नहीं होने से बेकार है।
मुस्लिम विधि में यदि कोई व्यक्ति पहले से ही उत्तराधिकारी है तो उस के नाम कोई वसीयत नहीं की जा सकती है। दादा की दूसरी बीबी से उत्पन्न पुत्र पहले से ही उत्तराधिकारी है इस कारण भी उस के नाम कोई वसीयत नहीं की जा सकती है। इस तरह आप के पिता के सौतेले भाई के नाम की गई जायदाद की वसीयत कानूनी रूप से कोई महत्व नहीं रखती। आप के पिता को चाहिए कि वे जायदाद के बंटवारे के लिए दीवानी दावा अदालत में दाखिल करें।