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राज. काश्तकारी अधि. की धारा 212 में अस्थायी व्यादेश प्रदान करने की शक्ति

समस्या-

जगदीश ने अजमेर, राजस्थान से पूछा है-

मेरे चाचा ने मेरे खेत से नया रास्ता लेने के लिए उपखंड कार्यालय में प्रार्थना पत्र राजस्थान काश्तकारी अधिनियम की धारा 251(1) के अंतर्गत लगाया है। इसके साथ ही एक और वाद राजस्थान काश्तकारी अधिनियम की धारा 212 व सपठित धारा 151 सी पी सी के अंतर्गत दायर किया है, जिसमें उन्ही कथनो को दोहराया गया है जो कि 251 (1 ) के प्रार्थना पत्र में है। उक्त राजस्थान काश्तकारी अधिनियम की धारा 212 व 151 सी पी सी किसके लिए व कब लगायी जाती है? जबकि उनको तो मेरे खेत से नया रास्ता लेना है, रास्ते के लिए 212 व 151 सी पी सी का क्या रोल रहता है? मैं किस आधार पर उनके 212 व 151 सी पी सी के वाद को ख़ारिज करवा सकता हूँ?

समाधान-

राजस्थान काश्तकारी अधिनियम की धारा 251(1) किसी दूसरे खेत में हो कर रास्ता या पाइपलाइन आदि निकालने का आदेश प्राप्त के लिए है। राजस्थान काश्तकारी अधिनियम की धारा 212 तभी प्रभावी होती है जब कि कोई राजस्व वाद लंबित हो। यह आवेदन किसी प्रकार का अस्थाई व्यादेश / निषेधाज्ञा प्राप्त करने के लिए प्रस्तुत किया जा सकता है। धारा 151 इस कारण है कि यदि कानून में कोई उपबंध न हो तो भी न्याय हित में न्यायालय आदेश प्रदान करे। यदि आप के खेत से पहले से कोई रास्ता नहीं हैं तो इस आवेदन के माध्यम से कोई नया रास्ता नहीं दिया जा सकता है। यदि आप ने बताया होता कि धारा 212 के आवेदन में प्रार्थी (आपके चाचा) ने क्या राहत मांगी है तो हमारे लिए समस्या का समाधान करना आसान हो जाता।


यह हो सकता है कि आप के चाचा ने न्यायालय से यह प्रार्थना की हो कि जब तक दावा निर्णिीत न हो जाए तब तक रास्ता प्रदान करने का अंतरिम आदेश दिया जाए। ऐसा आदेश दिया जाना आसान नहीं है। केवल बहुत मजबूती के साथ प्राथमिक रूप से दस्तावेजों और शपथ पत्र के द्वारा यह साबित करने पर कि चाचा के पास अपने खेत में जाने का और कोई मार्ग नहीं है और रास्ता न दिए जाने पर वह खेती करने में पूरी तरह अक्षम रहेगा, तथा यह जाँच लेने पर कि उन्हें अपरिमित क्षति होगी और सुविधा का संतुलन उन के पक्ष में है इस तरह का अंतरिम आदेश पारित किया जा सकता है। इस मामले में आप के स्थानीय वकील की भूमिका महत्वपूर्ण है। यदि ये तीनों तथ्य आप के चाचा के पक्ष में नहीं हैं और रास्ता देने से आप को हानि होती है तथा आप का वकील समझदार और अनुभवी है तो इस अंतरिम राहत के आवेदन को अवश्य खारिज करवा देगा।