विधवा को ससुर की संपत्ति पर कोई अधिकार नहीं।
|समस्या-
किरन सोनी ने गिरजाबाग, जिला उन्नाव, उत्तरप्रदेश से अपनी समस्या भेजी है-
मेरे पति का देहान्त 1987 में हो चुका है। मेरे ससुर के पास स्वअर्जित 12 बीघा सम्पत्ति है। उनकी उम्र लगभग 96 साल है। मेरे ससुर के चार लड़के और चार लडकिया हैं। इस जमीन पर मेरे पति ईट भट्ठा चलाते थे जो उनके मरने के बाद मेरे देवर सब बर्बाद कर दिया। मेरे ससुर ने अपनी जरूरत के लिये मेरे लड़के का मकान उसको बहला फुसलाकर बिकवा दिया और उसको दो बीघा जमीन रजिस्ट्री करके लिख दी। मेरा लडका प्राईवेट नौकरी करके किसी तरह अपना और मेरा गुजारा करता है। अब वो 2 बीघा जमीन फिर से वापस मांग रहे हैं। उन्होंने अपने छोटे लड़के को करीब 17 दुकानें जो कि उनका मार्केट था। उसमें बिना पैसा लिये रजिस्ट्री कर दी थी। छोटा लड़का उनका पुलिस में दरोगा है और मेरे ससुर उन्हीं के साथ रहते हैं व उनकी बात मानते हैं। बाकी दोनों लड़कों को बहुत कुछ दिया जिसमें नकदी व कुछ जमीन भी शामिल है। लेकिन पैसे के लेन देन का कोई रिकार्ड नहीं है। मेरे पति का दिया हुआ सारा जेवर और सारा सामान, बर्तन तक ले लिये और मुझसे कोई वास्ता नहीं रखा। सब मेरे व मेरे लड़के के खिलाफ हैं क्योकि हम गरीब हैं। मेरे लड़के से मेरे ससुर बात तो करते हैं लेकिन और लड़कों के मतलब के लिये। आज अपने बाकी लड़कों और लड़कियों को रजिस्ट्री करने तहसील में गये हुये है और रजिस्ट्री कर दी होगी। जबकि पैसा मेरे लड़के ने दिया है। और किसी ने कुछ नहीं दिया है मुझे आज तक कुछ नहीं मिला है। मुझे किसी प्रकार से कोई पेंशन वगैरह भी नहीं मिलती है। आज मेरी 3 ननदें मिलकर उस जमीन का बँटवारा मेरे ससुर से करवा रही हैं और मुझे कुछ भी नहीं देने को कह रही है मेरा लड़का भी परेशान है क्योंकि सारी जमा पूंजी भी मेरे ससुर ले चुके है और कुछ देने को नहीं कह रहे हैं। क्या विधवा औरत का ससुर की सम्पत्ति में कोई हक नहीं है जब उसका पति भी नहीं जिन्दा है। क्या मुझे कुछ नहीं मिलेगा? कृपया मेरा मार्गदर्शन करें।
समाधान-
किसी की स्वअर्जित संपत्ति पर उस व्यक्ति के जीते जी किसी अन्य व्यक्ति का कोई अधिकार नहीं होता है। उस की स्वंय की पत्नी, माता, पिता या संतानों का भी कोई अधिकार नहीं होता। यदि कोई व्यक्ति बिना कोई वसीयत किए मर जाए तो मृत्यु के उपरान्त उत्तराधिकार में उस की पत्नी, माँ व संतानों को उत्तराधिकार प्राप्त होता है। आप के पति का देहान्त हो चुका है। तथा आप के ससुर के पास स्वअर्जित संपत्ति 12 बीघा है। इस संपत्ति पर किसी का कोई अधिकार नहीं है वे जिसे चाहें दे सकते हैं। उस जमीन में से दो बीघा जमीन उन्हों ने आप के बेटे को रजिस्ट्री करवा कर दे दी है। इस के अलावा भी उन के सात लड़के लड़कियाँ हैं। इस तरह उन्हों ने पहले ही जमीन में से आप के पति को आप के ससुर के मरने के बाद मिलने वाले अधिकार से अधिक आप के बेटे को दे दिया है।
यदि आप का लड़का आप के ससुर को या परिवार के दूसरे सदस्यों को कुछ देता है तो उस की मर्जी है और आपके ससुर उस का क्या करते है यह भी उन की इच्छा पर निर्भर करता है। यदि आप के पास धन नहीं हैं तो किसी को देते क्यों हैं और ससुर की बातों में भी क्यों आते हैं। हमारी राय है कि आप के बेटे को जो दो बीघा जमीन रजिस्ट्री से मिल गयी है उसे किसी हालत में वापस न करे। अन्यथा आप को और आप के बेटे को अधिकार के रूप में कुछ भी नहीं मिलने वाला है। बाकी जमीन या संपत्ति जो भी है उसे आप के ससुर कैसे बाँटते हैं यह उन की मर्जी पर है। वे अपनी स्वअर्जित संपत्ति के स्वयं मालिक हैं उस का कुछ भी कर सकते हैं। यह सही है कि विधवा पत्नी का ससुर की संपत्ति में कोई अधिकार नहीं है। उस का अधिकार सिर्फ अपने मृत पति की संपत्ति पर है।