विशेष विवाह अधिनियम के अंतर्गत विवाह के बाद जबरन किया गया विवाह अवैध है . . .
|समस्या-
बेगूसराय, बिहार से शैलेषप्रकाश ने पूछा है –
मैं ने विशेष विवाह अधिनियम के तहत शादी की है। पर मेरे घरवालों ने मुझे जबरदस्ती डरा-धमका कर घर से दूर दूसरी शादी कर दी, साथ में वीडियोरिकॉर्डिंग भी शादी की करवा ली। 10 महीने तक मुझे डरा धमका कर रखा गया जिस से मैं डर कर मैं अपने पहले पति से ना बात की और ना मिली। पर एक दिन वो मेरे पास आए और बोले क्या हुआ? मुझे क्यों छोड़ दिया। तब मैं ने सब बात कह सुनाई। तब हम दोनों घर से भाग गये (मैं हॉस्टिल में रहती हूँ)। तब मेरे पापा ने मेरे पहले पति पर अपहरण का एफ.आई.आर दर्ज करा दी। तब मैं ने सीजेएम कोर्ट में उपस्थित हो कर ये बताया कि मैं अपनी मरजी से अपने पति के साथ आई हूँ। दिक्कत यह है कि मेरे दूसरे पति ने रेस्टिट्यूशन ऑफ कंजुगल राइटस् का मुकदमा फैमिली कोर्ट में फाइल किया है। दूसरे विवाह का रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है। मैं क्या करूँ?
समाधान –
आप व्यर्थ ही घबरा रही हैं। आप का जो पहला विवाह विशेष विवाह अधिनियम के अन्तर्गत हुआ है वह जिला विवाह अधिकारी जो कि सामान्य रूप से एक जिले का जिला कलेक्टर होता है के समक्ष हुआ है तथा पूरी जाँच के उपरान्त कानूनी प्रक्रिया के अनुरूप हुआ है। यह विवाह वैध है।
विशेष विवाह अधिनियम के अंतर्गत विवाह होने के उपरान्त जब तक यह विवाह न्यायालय द्वारा डिक्री पारित कर के विच्छेद नहीं हो जाता है तब तक पति या पत्नी कोई भी दूसरा विवाह नहीं कर सकता है और न ही उस का दूसरा विवाह किया जा सकता है। यदि कोई खुद दूसरा विवाह करता है या किसी जबर्दस्ती के अन्तर्गत उस का दूसरा विवाह कर दिया जाता है तो ऐसा दूसरा विवाह हर हालत में अवैध है।
इस तरह आप का दूसरा विवाह जो आप के पिता ने जबरन करवाया है वह पूरी तरह अवैध है। आप के दूसरे विवाह का पति कानूनन आप का पति नहीं है। उसे यह अधिकार प्राप्त नहीं है कि वह आप के विरुद्ध किसी भी तरह से रेस्टीट्यूशान ऑफ कंजूगल राइटस् की डिक्री पारित करवा सके।
आप को चाहिए कि आप परिवार न्यायालय में अपना जवाब प्रस्तुत कर दें कि आप का विवाह पहले ही विशेष विवाह अधिनियम के अन्तर्गत हो चुका था जिस का पंजीयन जिला पंजीयक के यहाँ हो रहा है। यह विवाह कभी समाप्त नहीं हुआ है। आप का दूसरा विवाह जबरन आप के माता पिता ने करवाया था जो कि पूरी तरह अवैध है। आप के विरुद्ध आवेदन प्रस्तुत करने वाला व्यक्ति आप का पति नहीं है इस कारण से उस का आवेदन निरस्त कर दिया जाए। सबूत के बतौर आप अपना विशेष विवाह अधिनियम के अंतर्गत जारी किया गया विवाह प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर सकती हैं और अपने, अपने पति के तथा गवाहों के बयानों से अपने विवाह को साबित कर सकती हैं। आप बेधड़क अपने वास्तविक और कानूनी पति के साथ निवास कर सकती हैं। जबरन विवाह करने वाला पति का आवेदन निरस्त हो जाएगा।
मैंने (मुम्बई से संजय परब) आपके ब्लॉग पर दिनांक १५/०९/२०१३ से १/१०/२०१३ के करीब तिन बार समस्या भेजी गई लेकिन आज तक समस्या का उत्तर नहीं मिला है कृपया तीसरा खम्बा के तहत मुज़े समस्या का समाधान देने कि कृपा करे.
गुरूजी judicial court me ladki ke 164 cr.p.c me byan krvane ki kya process hai ?