संतानों को संपत्ति से बेदखल करने के विज्ञापनों का कोई अर्थ नहीं है।
श्वेत गुप्ता ने हलदौर, बिजनौर उत्तर प्रदेश से समस्या भेजी है कि-
मेरी माताजी पूर्व माध्यमिक विद्यालय में सहायक अध्यापिका के पद पर कार्यरत थीं। मेरी एक छोटी बहन है, जो विवाहित है, जिसका विवाह वर्ष 2001 में हो गया था। मेरी माताजी की मृत्यु के उपरान्त मुझे पता चला है कि मेरे बहनोई ने मेरी माताजी के द्वारा साजिश करके वर्ष 2003 में समाचार पत्र में एक विज्ञापन दिलवा दिया था कि मैं अपने पुत्र को गलत चाल चलन होने के कारण अपनी चल अचल सम्पत्ति से बेदखल करती हूँ। इस बात का पता हमें उनकी मृत्यु के बाद चला। जब मैं बेसिक शिक्षा विभाग में अनुकम्पा नियुक्ति हेतु गया तो वहाँ पर पता चला कि मेरी बहन ने आपत्ति लगाई हुई है तथा उसके द्वारा नियुक्ति की मांग की जा रही है। क्या विवाहित लडकी अनुकम्पा नियुक्ति की हकदार है ? अपने पुत्र को किसी भी चीज से बेदखल करने की क्या प्रक्रिया है? क्या बेदखल होने वाले व्यक्ति के पास कोई नोटिस या अन्य कोई कानूनी प्रक्रिया होती है? मैं बहुत परेशान हूँ। क्या मेरी माताजी के स्थान पर मुझे अनुकम्पा नियुक्ति मिल सकती है? क्या बहन व बहनोई कोई अडचन लगा सकते हैं। मुझे क्या करना चाहिए?
समाधान-
अक्सर ऐसे विज्ञापन अखबारों में देखने को मिलते हैं जिन में माता पिता यह कहते हैं कि हम ने हमारे पुत्र या पुत्री को अपनी संपत्ति से बेदखल कर दिया है। लेकिन वह संपत्ति तो तब माता पिता की होती है। संतानों को संपत्ति तो जिस के नाम होती है उस की मृत्यु के उपरान्त उत्तराधिकार में प्राप्त होती है। इस तरह जिस दिन बेदखल करने का विज्ञापन प्रकाशित होता है या कोई दस्तावेज लिखा जाता है उस दिन संपत्ति उस के नाम नहीं होती है जिसे बेदखल किया जा रहा होता है। जो व्यक्ति किसी संपत्ति का स्वामी ही नहीं है और जिस का उस में कोई दखल ही नहीं है उसे कैसे उस से बेदखल किया जा सकता है? यदि कोई किसी संपत्ति का स्वामी हो तो उसे बेदखल इस लिए नहीं किया जा सकता कि वह संपत्ति का स्वामी है और उस का उस संपत्ति पर दखल का पूरा अधिकार है। इस तरह आप के मामले में बेदखली का विज्ञापन पूरी तरह से बेमानी है। उस का कोई अर्थ नहीं है। जो भी संपत्ति आप की माताजी की है उस में आप दोनों भाई बहन की संयुक्त हो गयी है और आप को अपना हिस्सा प्राप्त करने का अधिकार है। चाहे यह संपत्ति कोई अचल संपत्ति हो या फिर बैंक में जमा राशि हो या बीमा और आप की माताजी की नौकरी के लाभ हों।
कोई भी विवाहित बहिन यदि उस का पति जीवित है तो अनुकम्पा नियुक्ति प्राप्त नहीं कर सकती क्यों कि विवाहित स्त्री उस के पति की आश्रित है न कि आप की माता जी की। हाँ यदि कोई स्त्री विधवा हो जाए या उस का विवाह विच्छेद हो जाए और अपने माता पिता के साथ रहने आ जाए तो वह आश्रित हो सकती है। आप की बहिन के साथ ऐसा नहीं है। इस कारण से वह अनुकम्पा नियुक्ति प्राप्त नहीं कर सकती। उस के द्वारा लगाई गई आपत्ति का कोई अर्थ नहीं है, आप प्रतिआपत्ति प्रस्तुत करें वह निरस्त हो जाएगी। यदि आप अपनी माताजी के आश्रित हैं तो आप अनुकम्पा नियुक्ति प्राप्त कर सकते हैं। आप ने अब तक अनुकम्पा नियुक्ति प्राप्त करने के लिए आवेदन नहीं किया हो तो आप को तुरन्त आवेदन करना चाहिए।
आप को बेदखल करने की प्रक्रिया से कोई मतलब नहीं है, उस की आप को जानने की आवश्यकता नहीं है इस कारण हम यहाँ नहीं बता रहे हैं। वैसे तीसरा खंबा को सर्च करेंगे तो वहाँ यह प्रक्रिया पहले बताई जा चुकी है।
आपके सहयोग के लिए सभी पाठकों की ओर से बहुत बहुत धन्यवाद, आभार. आपके प्रयासों से हर तबके के लोगों को निःशुल्क समाधान व जो राहत मिल रही है वह प्रशंसनीय व अनुकरणीय है. सर आप इसी तरह नित नए सोपानों को प्राप्त कर कानूनविदों में सर्वोच्च लोकप्रिय हों. यही मेरी शुभकामनाएं हैं.
दिनांक १७ फ़रवरी २०१७
बहुत अच्छा कर रहे है कम समय में अधिक समाधान मिल रहे है ,
धन्यवाद !
तारीख:- २७.०८.२०१५
महत्वपूर्ण जानकारी के लिए हार्दिक आभार…..