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संपत्ति का सह स्वामी केवल अपना हिस्सा बेच सकता है।

Shopsसमस्या-
कमल गुप्ता ने जौनपुर, उत्तर प्रदेश से पूछा है-

मेरे पिता जी दो भाई थे, बहन नहीं थी।  मेरे चाचा जी की मृत्यु 1990  में हो गयी थी और पिता जी का मृत्यु 2013 में हुई।   मेरे चाचा जी की दो शादियाँ हुई थीं। उनकी पहली पत्नी से एक पुत्र और एक पुत्री है और दूसरी पत्नी से एक पुत्र और चार पुत्रियाँ हैं।  उन सभी का विवाह हो चुका है। जिस मकान में मैं रहता हूँ वो मकान दादी जी ने खरीद कर बनवाया था।  दादी जी के मृत्यु के बाद पिता जी और चाचा जी के नाम हो गया। चाचा जी के मृत्यु के बाद चाची जी के नाम और पिता जी के मृत्यु के बाद मेरे नाम। क्यों कि माता जी की मृत्यु पिताजी के जीवन काल मे होगयी थी। चाची जी अपना हिस्सा मुझे बेचना चाहती हैं लेकिन उन के एक पुत्र और दो पुत्रियाँ तैयार नहीं हैं। ऐसे में मुझे क्या करना चाहिए? मै खरीदू या नहीं?

समाधान-

जिस मकान में आप निवास करते हैं वह दादी जी के नाम था। दादी जी कि मृत्यु के उपरान्त केवल आप के चाचा जी और पिता जी उत्तराधिकारी थे। उन के नाम मकान होना कानून के अनुसार है। चाचा जी की मृत्यु 1990 में हो गई। उस समय उन के उत्तराधिकारी आप की चाची जी तथा पहली पत्नी का एक पुत्र व पुत्री तथा दूसरी पत्नी से एक एक पुत्र व चार पुत्रियाँ कुल मिला कर आठ उत्तराधिकारी हुए। इस तरह मकान का आधा हिस्से के आठ उत्तराधिकारी हुए। उन में से प्रत्येक का उक्त मकान में 1/16 वाँ हिस्सा है। आप की चाची जी का हिस्सा भी 1/16वाँ ही है। ½ हिस्सा आप को उत्तराधिकार में मिला है तथा 7/16 हिस्से पर आप के चाचा के सात पुत्र पुत्रियों का अधिकार है। विवाह हो जाने से लड़कियों का अधिकार समाप्त नहीं हुआ है।

चाचा जी की मृत्यु के उपरान्त नगर पालिका या पंचायत के रजिस्टर में आप की चाची का नाम चढ़ा हो सकता है लेकिन यह नामान्तरण मात्र है। मकान के स्वामित्व का प्रमाण नहीं है। इस तरह आप की चाची जी उक्त मकान के 1/16 वें हिस्से पर जो उन का अधिकार है उसे आप को विक्रय कर सकती हैं, आप इतना ही हिस्सा उन से खरीद सकते हैं। शेष हिस्सेदार भी अपना अपना हिस्सा आप को विक्रय कर सकते हैं।

दि आप की चाची 1/16वाँ हिस्से की कीमत ले कर आप को विक्रय करती हैं तो आप उसे खरीद कर सकते हैं। यदि चाचा के सभी उत्तराधिकारी अपना अपना हिस्सा बेचना चाहें तो आप उन से खरीद सकते हैं।

मारी राय में आप को केवल चाची का हिस्सा नहीं खऱीदना चाहिए। यदि आप को चाचा जी के सभी उत्तराधिकारी मिल कर रजिस्ट्री करवा रहे हों तो खरीद लेना चाहिए अन्यथा नहीं। झगड़े को समाप्त करने के लिए आप बँटवारे का दावा कर सकते हैं जिस में यह प्रस्ताव कर सकते हैं कि आप आप के अलावा शेष सभी उत्तराधिकारियों के हिस्से खरीदने को तैयार हैं। बँटवारे में आधा मकान आप को मिल जाएगा। शेष आधे मकान के बारे में न्यायालय शेष हिस्सेदारों की इच्छा के अनुरूप बँटवारा कर सकती है।

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