संपत्ति के बँटवारे के झगड़े को सुलझाने के लिए विभाजन का वाद प्रस्तुत करें।
समस्या-
सोलापुर, महाराष्ट्र से अर्चना मंगलपल्ली ने पूछा है-
ये हमारा घर मेरे ससुर के पिता के नाम पर है, लेकिन उनके गुजरने के बाद उनकी पत्नि और उनके १,२,३ तीनों बच्चों के नाम आया है। १ लडके ने बोहोत कर्जा किया था। साहूकार लोग सब घर पर कर्जा मांगने आते थे तब २ और ३ नंबर के लड़कों ने उनका सब कर्ज चुका दिया। तब उन्हों ने २,३ को उनका हिस्सा कर्ज के बदले लिख कर दे दिया। अब उन का कोई हिस्सा नहीं है। मेरे ससुर की पत्नी भी गुजर गई है। अब उन का लड़का मेरे ससुर की पत्नि के नाम के हिस्से में हिस्सा मांग रहा है। उस का हिस्सा कुल संपत्ति का 1/12 मिलना चाहिए वह हम देने को तैयार हैं। लेकिन उस के लड़के मानने को तैयार नहीं हैं। आधी संपत्ति पर उस का कब्जा है हमें क्या करना चाहिए?
समाधान-
आप के ससुर को उक्त संपत्ति के विभाजन का वाद न्यायालय में प्रस्तुत करना चाहिए। इस वाद में यह स्पष्ट करना चाहिए कि पिता की मृत्यु के बाद तीनों भाई और माता को ¼ हिस्सा प्राप्त हुआ था। भाई नं. 1 ने अपना हिस्सा कर्जे के बदले उन्हें दि दिया था। अब माता जी के देहान्त के बाद उसे माँ के हिस्से ¼ में से 1/3 हिस्सा प्राप्त हुआ है वह ले सकता है। शेष भागीदारों को उन का हिस्सा दिलाया जाए। तब तक संपत्ति पर रिसीवर स्थापित किया जाए।
विवाद या तो आपस में समझौते से सुलझाया जा सकता है या फिर न्यायालय के निर्णय से। चूंकि भाई नं.1 के लड़के नहीं मान रहे हैं इस कारण न्यायालय में गए बिना विवाद का निपटारा संभव नहीं हो सकेगा।