संयुक्त संपत्ति में खुद के हिस्से से अधिक संपत्ति का विक्रय अवैधानिक है।
समस्या-
मोहम्मद दानिश खान ने मानिकपुर, तहसील कुन्दा, जिला प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश से पूछा है-
मेरे दादा जी का देहांत 1953 को हुआ है, मेरे पिताजी 2 भाई और एक बहिन हैं। मेरे दादा जी का पैतृक मकान है, जिसका कुछ भाग मेरे चाचा के लड़कों ने सिर्फ़ स्टांप पेपर के ज़रिये बेच दिया है। जिसे किराएदार बनवा रहा है। मेरी फूफी की मौत हो चुकी है, उनकी लड़की ने अपने हिस्से के लिए मुक़दमा दायर किया है। क्या उन्हें हिस्सा मिलेगा? क्या मेरी फूफी की बेटी स्टे ले सकती है? मैं यह भी जानना चाहता हूँ कि हम किस तरह अर्जेंट्ली स्टे ले सकते हैं। मेरे पिता जी ने अपना हिस्सा न्ही बेचा है। अभी तक बँटवारा भी क़ानूनी तौर पे नहीं हुआ था, फिर भी मेरे चाचा के लड़कों ने कुल मकान का 1/2 भाग बेच दिया है।
समाधान-
आप एक मुस्लिम हैं, आप का दाय मुस्लिम विधि के अनुसार तय होगा। आपके दादाजी की मृत्यु के उपरान्त आप के पिता, चाचा और फूफी तीनों का उन की संपत्ति पर अधिकार है। पुत्री का हिस्सा पुत्रों के हिस्से से आधा होता है, यह कहा जा सकता है कि पुत्री का 1 हिस्सा होता है तो पुत्रों के 2-2 हिस्से होते हैं।
इस गणना के अनुसार आप के पिता व चाचा को संपत्ति के 2/5-2/5 हिस्से पर अधिकार है और 1/5 हिस्से पर फूफी का अधिकार है। इस तरह चाचा का अधिकार संपत्ति के ½ हिस्से पर नहीं है। उसने यदि ½ हिस्सा बेच दिया है तो वह उसके हिस्से से अधिक है और अवैधानिक है।
यदि आप की फूफी ने बंटवारे का दावा किया है तो उन्हें तुरन्त उसी दावे में मकान में निर्माण कार्य को रुकवाने के लिए अस्थायी निषेधाज्ञा का आवेदन प्रस्तुत कर निर्माण कार्य रुकवाना चाहिए। यह तुरन्त हो सकता है। बंटवारे के उसी दावे में आप के पिता भी पक्षकार हैं तो वे फूफी के आवेदन का समर्थन कर सकते हैं या खुद भी उसी दावे में अलग से स्टे के लिए प्रार्थना पत्र प्रस्ततु कर सकते हैं।