सात सह-स्वामियों की जमीन का पूर्ण स्वामित्व कैसे प्राप्त कर सकता हूँ?
समस्या-
हमारी एक ज़मीन मिदनापुर प. बंगाल में है, जो हमारे पिताजी की खरीदी हुई है। उक्त ज़मीन के सात वारिस हैं। मैं इस ज़मीन पर पिछले 40 सालों से अकेला रहता हूँ। क्या इस ज़मीन का मालिकाना हक मुझे मिल सकता है?
– नवीन अग्रवाल, पश्चिम मिदनापुर, प. बंगाल
समाधान-
नवीन जी, इस जमीन का मालिकाना हक आप के पिताजी का था। यदि आप के पिताजी का देहान्त हो गया है तो उस के कारण आप के पिताजी की मृत्यु के साथ ही उक्त संपत्ति का उत्तराधिकार तय हो गया। अर्थात् वह संपत्ति अब संयुक्त रूप से उन के उत्तराधिकारियों की है। उन के उत्तराधिकारियों में आप, आप के तमाम भाई बहिन यदि आप की माँ और दादी में से जो भी जीवित है वे सभी उक्त संपत्ति के संयुक्त रूप से स्वामी हैं। यदि उनमें से माँ और दादी की यदि मृत्यु हो गयी है तो उन के हिस्से आप सभी भाई बहिनों में समान रूप से बंट गए हैं। यदि किसी भाई और बहिन की मृत्यु हो गयी है तो उन के उत्तराधिकारी उस जमीन के संयुक्त स्वामी हैं।
आपका कहना है कि आप 40 वर्ष से उस जमीन पर रहते हैं अर्थात काबिज हैं। लेकिन आपका यह कब्जा जमीन के सभी सह स्वामियों का भी कब्जा माना जाएगा क्यों कि वह संपत्ति संयुक्त संपत्ति है। आप चाहते हैं कि आप को उस जमीन में अपने सभी सहस्वामियों के हिस्से भी प्राप्त हो जाएँ। आप के अलावा शेष सह स्वामियों के हिस्से आप को हस्तांरित होंगे तो किसी दस्तावेज के माध्यम से ही हस्तांतरित हो सकते हैं और इस दस्तावेज का पंजीयन होना आवश्यक है।
इस मामले में शेष सह-स्वामी आप को अपने हिस्से या तो विक्रय कर सकते हैं, या दान कर सकते हैं या उक्त संयुक्त संपत्ति में अपना हिस्सा त्याग सकते हैं। इन परिस्थितियों में जो हिस्सेदार आप को अपना हिस्सा विक्रय कर दे वह विक्रय पत्र निष्पादित करेगा, यदि कोई हिस्सेदार आप को उस का हिस्सा दान करता है तो दान-पत्र निष्पादित करेगा और यदि कोई हिस्सेदार अपना हिस्सा आपके हक में छोड़ता है तो रिलीज डीड हकत्याग विपत्र निष्पादित करेगा। इन तीनों तरह के दस्तावेजों का पंजीयन होना आवश्यक हैं। इनमें से विक्रय पत्र और दान पत्र में पंजीयन का व्यय एक समान होगा जब कि रिलीज डीडे के मामले में आप का खर्चा कम होगा। इस के अलावा अन्य कोई मार्ग नहीं है जिस से आप उक्त संपूर्ण जमीन के स्वामी हो सकते हों।