किराए पर देने के पहले संपत्ति पर स्वत्व प्राप्त करने का प्रयत्न करें।
समस्या-
कोरबा, छत्तीसगढ़ से प्रवीण कुमार ने पूछा है-
गाँव के आबादी क्षेत्र में मेरा एक कब्ज़ा किया हुआ मकान है। जिस पर मेरा कब्जा १० साल से है जिसका बिजली का कनेक्शन मेरे नाम से है व बिल मेरे नाम से आता है। मेरा एक परिचित उस पर एक संस्था (स्कूल) खोलने के लिए मकान किराये पर मांग रहा है। पर मुझे संशय बना हुआ है की संस्था खुलने के बाद उक्त मकान पर कब्जा न हो जाये। क्या ऐसा हो सकता है? इसके लिए मुझे किस तरह का अनुबंध करना होगा। कृपया उचित मार्गदर्शन बताएँ, जिस से मुझे कुछ आय प्राप्त हो और मकान का कब्जा भी मेरा हो?
समाधान-
मकान आप के कब्जे में 10 वर्ष से है। जो कोई भी व्यक्ति उस का स्वामी है वह आगे दो वर्ष तक और आप से कब्जा प्राप्त करने का दावा न्यायालय में स्वत्व के आधार पर संस्थित कर सकता है। लेकिन कब्जा 12 वर्ष से अधिक का हो जाने के बाद वह दावा नहीं कर सकता। आप यदि संपत्ति को किराए पर देते हैं तो उस में एक परेशानी यह है कि यदि किराएदार कब्जा संपत्ति के असली मालिक को दे देने का कोई लिखित दस्तावेज लिख दे और कुछ दिन बाद पुनः उसी से किरायानामा लिखवा ले। भले ही वह वास्तविक रूप से किसी को कब्जा दे या न दे तो एक बार कब्जा स्वत्वाधिकारी के पास चले जाने पर आप कुछ भी नहीं कर पाएंगे। आप के मामले में वास्तविक स्वत्वाधिकारी की क्या स्थिति है यह जानकारी आप ने नहीं दी है।
आप के गाँव में यदि नगरपालिका नहीं है तो वहाँ संपत्ति अंतरण अधिनियम के अंतर्गत आप भवन को लीज पर दे सकते हैं। लेकिन यह लीज 11 माह से अधिक की होने पर उसे पंजीकृत कराना जरूरी होगा। अन्यथा प्रत्येक 11 माह बाद एक लीज एग्रीमेंट समाप्त होने पर नया लीज एग्रीमेंट लिखाना होगा। यह मान कर चलें कि किरायानामा/ लीज डीड लिखवा लेने पर किराएदार हमेशा किराएदार ही रहेगा। वह मकान मालिक नहीं हो सकता।
फिर भी हमारी राय है कि आप कब्जा 12 वर्ष का हो जाने तक भवन किराए पर न दें तो अच्छा है। 12 वर्ष से अधिक का कब्जा हो जाने पर प्रयत्न करें कि ग्राम पंचायत से आप को पट्टा मिल जाए जिसे आप अपने नाम पंजीकृत करवा लें। इस तरह स्वत्व प्राप्त हो जाने के बाद ही किसी व्यक्ति को भवन किराए पर दें। वैसे पंचायत 12 वर्ष के पहले भी मकान की जमीन पर कब्जे के आधार पर पट्टा दे सकती है।