पिता की स्वअर्जित संपत्ति में पुत्रियों का हिस्सा भी पुत्रों के बराबर।
समाधान-
राम नारायण ने बड़ौदा, गुजरात से समस्या भेजी है कि-
मेरी समस्या ये है कि मेरे पिता की स्वअर्जित सम्पति है। जिसे मेरे पिता ने 1965 में लिया था। मेरे पिता का देहांत 03/10/2005 को हो गया है। मेरे पिता ने कोई वसीयत नहीं बनाई थी। देहांत के बाद मेरी 3 बहनो में से एक बहन ने अपनी परिस्थिति का रोना रोकर मेरे से मेरा एक रूम ले लिया और बोली की मेरी परिस्थिति ठीक होने के बाद मैं चली जाउंगी। लेकिन अब 8 साल हो गया है। लेकिन वो जाने को नहीं बोलती है और झगड़ा करती है। मेरी माँ मेरे साथ ही रहती है। उससे भी झगड़ा करती है। मेरी बहन को रूम से निकालने के लिए क्या करना होगा? मेरी बहन का आदमी भी उसके साथ ही रहता है।
समाधान-
आप के पिता की स्वअर्जित संपत्ति पर आप के पिता की मृत्यु के साथ ही उन के उत्तराधिकारियों का स्वत्वाधिकार स्थापित हो गया। आप अकेले उस संपत्ति के स्वामी नहीं हैं। पुत्र होने के नाते आप अकेले उस मकान के स्वामी नहीं हो सकते। इस मकान में फिलहाल पाँच हिस्से हैं। एक आप की माँ का तीन आप की बहनों के और पाँचवाँ आपका। यदि आप बहिन से कुछ कहेंगे तो वह अदालत में बंटवारे का दावा करेगी। दूसरी बहनों और माँ को भी साथ ले लेगी तो आप को केवल पाँचवाँ हिस्सा ही प्राप्त होगा, जो आप का है। वैसे भी जब तकआप को सभी बहनों से रिलीज डीड के माध्यम से हक प्राप्त नहीं हो जाए उन सभी का हि्स्सा बना रहेगा।
बहिन ने परिस्थिति का रोना रो कर जो कमरा प्राप्त किया है वह उस का हक है। उस ने कैसे भी मकान पर कब्जा प्राप्त कर लिया है और उसी में रहती भी है आप अपनी बहन को रहने दें। जो भी समाधान हो वह प्यार से आपसी समझ से करें।
हमने नगरपालिका से ओक्स्न में प्लाट लिया ता जिसका पूरा amounts नगरपालिका को कर दिया ता हमारे नाम की रजिस्ट्रेशन व् पटटा बन गया ता फिर हममौकय पता च की जो नगरपालिका में नीलामी करवाई है वो James इन किसी और khat डैड की है तो उस पार्टी में नगरपालिका पर स्टैंड ले आया अभी हिम फास गए हे कोई भी उसे नहीं परचेस कर रहा है हमने तो नगरपालिका शी ली तीस अभी हिम क्या kare
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