पिता के नाम नामान्तरण न होने पर भी पुत्र उनकी मृत्यु के बाद नामान्तरण करवा सकता है।
समस्या-
श्यामलाल ने इन्दिरा नगर, लखनऊ, उत्तर प्रदेश से पूछा है-मेरे दादाजी ने अपने पिताजी की मृत्यु के बाद अपनी जमीन पर अपना नाम नहीं चढ़वाया था। क्या उस जमीन पर मेरा नाम चढ़ सकता है?
1. मेरे पापा ने अपनी जमीन पाँच साल पहले बेचने के लिए सौदा किया था। बीच में जो दलाल थे वे पार्टी से पूरी कीमत ले कर खर्च कर दिया है और हम लोग को कुल कीमत का आधा ही रुपया मिला है।
2. मेरे पापा का देहान्त हो चुका है। अब पार्टी कहती है कि हमने पूरी कीमत दे दी है आप रजिस्ट्री करवा दें। यहाँ तक कि हमने कोई भी एग्रीमेंट नहीं किया था।
समाधान-
1. आपने अपने पहले सवाल में यह पूछा है कि आपके पिताजी ने दादाजी की मृत्यु के बाद उनका नाम राजस्व रिकार्ड में दर्ज नहीं कराया। इस प्रक्रिया को नामान्तरण कहते हैं। यदि आपके पिता का देहान्त नामान्तरण होने के पहले ही हो गया है तो अब आप नामान्तरण के लिए आवेदन कर सकते हैं। आपको आपके दादाजी और पिताजी दोनों की मृत्यु के प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने होंगे। नियमानुसार दोनों मृत्यु के कारण आज जो उस भूमि के वास्तविक खातेदार कृषक हैं उनके नाम उनके हिस्सों का वर्णन करते हुए राजस्व रिकार्ड में दर्ज कर दिए जाएंगे। हमारा उत्तर है कि आपका नाम भूमि के राजस्व रिकार्ड में दर्ज हो सकता है।
2. आपने दूसरे प्रश्न में कहा है कि आपके पिता ने पाँच वर्ष पहले भूमि विक्रय का कोई सौदा किया था। लेकिन आप यह भी कहते हैं कि कोई एग्रीमेंट नहीं है। भूमि की कीमत का आधा ही आपको मिला है जब कि क्रेता कहता है कि उसने पूरा पैसा दलाल को दे दिया।
आपके दूसरे सवाल का उत्तर यह है कि जब आपके पिता और आपने कोई एग्रीमेंट नहीं किया है तो आप विक्रय पत्र का पंजीयन कराने के लिए बाध्य नहीं है। वैसे भी किसी भी विक्रय में जब तक पूरा पैसा आपको न मिल जाए तब तक रजिस्ट्री करना उचित नहीं है। बाद में अक्सर बकाया पैसा डूब जाता है। आप पार्टी को कह सकते हैं कि हमें सौदे का कोई पता नहीं है। जिस दलाल को आपने कीमत अदा की है उसी से बात करें। यदि दलाल कुछ नहीं करता है तो उसके विरुद्ध कार्यवाही करें। आप कोई विक्रय पत्र निष्पादित कर उसका पंजीयन नहीं कराएंगे। यदि कोई एग्रीमेंट पाँच वर्ष पूर्व आपके पिताजी ने किया भी था तो अब तक उसके अन्तर्गत विक्रय पत्र का पंजीयन कराने के लिए कानूनी कार्यवाही करने की परिसीमा अवधि भी समाप्त हो चुकी है। आप विक्रय पत्र निष्पादित करने के लिए विधिक रूप से बाध्य नहीं हैं।