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बँटवारा हो जाने पर कृषि भूमि का खाता जल्दी से जल्दी अलग हो जाना चाहिए।

agricultural-landसमस्या-
बागपत, उत्तर प्रदेश से नीरज कुमार ने पूछा है –

मैं उतरप्रदेश का मूल निवासी हूँ। हम दो भाई हैं, छोटे भाई ने अपनी १/२ कृषि भूमि पर प्लाट काट काट कर बेच दिए हैं। जब कि हम अपनी भूमि पर कृषि कर रहे हैं, भूमि का खाता भी एक ही है। एक पारवारिक बँटवारा विलेख नोटरी करा लिया गया है।  भाई ने अपनी १/२ कृषि भूमि का भूउपयोग आवासीय में परिवर्तित करा लिया है। कुछ भूमि भाई ने अपने पास भी रखी हुई है। क्या आगे हमें हमारी १/२ भूमि पर भाई से किसी प्रकार की भूमि अधिकार सम्बन्धी समस्या तो नहीं होगी कृपया मार्गदर्शन करें।

समाधान-

प की मुख्य समस्या भूमि के बँटवारे से सम्बन्धित है। कोई भी बँटवारा या तो न्यायालय के माध्यम से होना चाहिए या फिर आपसी समझौते से होना चाहिए। लेकिन बँटवारा पंजीकृत होना चाहिए। लेकिन पंजीकृत बँटवारा में स्टाम्प ड्यूटी का दायित्व होने से लोग ऐसा करने से बचते हैं। कानून यह है कि बँटवारा मौखिक हो सकता है और बाद में जब मौखिक बँटवारे के अनुसार अपने अपने हिस्से पर कब्जा हो जाए तो बँटवारे का ज्ञापन लिखा जा कर उसे नोटेरी सत्यापित करा लिया जाए। आप ने जो नोटेरी से जो बँटवारा सत्यापित कराया है वह यदि पूर्व में हो चुके किसी मौखिक बँटवारे का ज्ञापन है तो वैध है, लेकिन यदि वह बँटवारानामा है तो पंजीकृत न होने से वैध नहीं है। आप अपने बँटवारे के दस्तावेज जँचवा लें। यदि वह कानून के अनुसार न हो तो उसे समाप्त करवा कर उस के स्थान पर नया बँटवारे का ज्ञापन निष्पादित कर उसे नोटेरी से सत्यापित करवा लें।

किसी भी कृषि भूमि की स्वामी सरकार होती है। कृषक तो केवल खातेदार होता है। आप का अभी तक संयुक्त खाता है तो भाई के हिस्से की जो जमीन आप कहते हैं कि आवासीय में तब्दील हो गई है वह दोनों के खाते की हुई है। अभी जो खाते में कृषि उपयोग के लिए जो भूमि है वह भी संयुक्त खाते की है इस का अर्थ ये है कि उस पर दोनों भाइयों का अधिकार है। इस तरह भविष्य में भाई के द्वारा या उस के उत्तराधिकारियों के द्वारा कोई बखेड़ा खड़ा करने की संभावना पूरी बनती है। इस का एक ही तोड़ है कि आप बँटवारे के ज्ञापन के आधार पर खाते को अलग अलग करवाएँ और जो भूमि आप के हिस्से की है और जिस पर आप कृषि कर रहे हैं उस का खाता अलग करवा लें। अब जो कृषि भूमि बची है वह केवल आप के हिस्से की है। उस का खाता जब तक केवल आप के नाम से स्वतंत्र नहीं हो जाता है। आप को संकट बना रहेगा।

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