मां की ओर से फर्जी विक्रय पत्र पंजीकृत हुआ है तो उसे निरस्त कराना होगा
समस्या-
मेरे नाना नानी की जमीन मेरे मामा के नाम हुई थी। मामा के मर जाने के बाद वहीं जमीन मेरी मां के नाम चढ़ गई और उस जमीन को मेरी मां ने नहीं बेचा, कोई रजिस्ट्री नहीं की। फिर भी विक्रय की रजिस्ट्री हो कर उसका नाम खाते से हट कर किसी दूसरे के नाम नामांतरण हो गया है। मेरी माँ ने आज तक किसी रजिस्ट्री और नामांतरण पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं न ही कोई अंगूठा लगाया है। फिर मेरी माँ की जमीन किसी दूसरे अन्य के नाम कैसे हो गयी।
– पदम शर्मा, निवासी ब्राह्मणों की गवार शिकारपुरा सांगानेर जिला जयपुर (राजस्थान) हाल इंदौर (मध्य प्रदेश)
समाधान-
अनेक कारण हो सकते हैं। यदि आप इंदौर में रहते हैं और माँ राजस्थान में। तो हो सकता है किसी ने आप की माँ से किसी और बहाने से रजिस्ट्रार के यहाँ ले जा कर हस्ताक्षर कराए हों, अंगूठे लगवाए हों और माँ को पता ही नहीं हो। दूसरा कारण यह हो सकता है कि किसी और स्त्री को ले जा कर उस से रजिस्ट्री करवा ली हो, लेकिन यह आसानी से संभव नहीं है। क्यों कि आज कल फोटो आई डी के बिना कोई रजिस्ट्री संभव नहीं है। इस जाँच के लिए आप संबंधित सब रजिस्ट्रार के कार्यालय में रिकार्ड का निरीक्षण कर के जानकारी कर सकते हैं कि किस की आईडी वहाँ लगी है और वह फर्जी है या असल है।
अगर आप इस नतीजे पर पहुँच गए हों कि रजिस्ट्री फर्जी ही है तो सब से पहले पुलिस में रिपोर्ट कराएँ। पुलिस कार्यवाही न करे तो मजिस्ट्रेट के न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत कर उसे जाँच हेतु पुलिस थाना भिजवाएँ। नामांतरण तो रजिस्ट्री के आधार पर हो सकता है। आप को उस रजिस्टर्ड विक्रय पत्र को निरस्त कराने का दीवानी वाद संस्थित करना होगा तथा नामांतरण आदेश की अपील अलग से करनी होगी। इस के लिए आप को जयपुर आ कर किसी बेहतर वकील से संपर्क करना होगा और उसके माध्यम से माँ की ओर से यह सब करना होगा।