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पिता को दादा से प्राप्त संपत्ति में संन्तानों व माता का अधिकार . . .

joint family treeसमस्या-
इन्दौर, मध्यप्रदेश से प्रशान्त ने पूछा है-

मेरे पिता जी के पास 35 बीघा खेती की ज़मीन है और बाकी के मकान है और ये संपति मेरे पिता को मेरे दादा जी से मिली है। मेरे पिता ने अपने से कोई संपति नहीं खरीदी है। मेरे पिताजी अपने माता-पिता के एक ही पुत्र हैं और हम चार भाई और एक बहन पाँच लोग हैं तो हिस्सा किस प्रकार मिलेगा? 1/6 भाग लगेगा या फिर कैसे होगा? और इस में क्या मेरी माता जी को भी हिस्सा लगेगा या वो पिता जी के साथ हैं इस लिए उन्हें नहीं मिलेगा?

समाधान-

प को सब से पहले दादा जी से आप के पिता जी को प्राप्त हुई संपत्ति के बारे में यह तय करना पड़ेगा कि आप के पिता की यह सारी संपत्ति सहदायिक (पैतृक) संपत्ति है अथवा नहीं है, या उस में से कुछ सहदायिक है और कुछ उत्तराधिकार में प्राप्त संपत्ति है, या फिर सारी की सारी संपत्ति उत्तराधिकार में प्राप्त संपत्ति है।  यह निर्धारित करने के लिए यह जानकारी होना आवश्यक है कि आप के दादा जी के पास उक्त संपत्ति का कौन सा हिस्सा कैसे आया था? तथा दादा जी का देहान्त कब हुआ? जिस से वह संपत्ति आप के पिता जी को प्राप्त हुई। यदि दादा जी का देहान्त 17 जून 1956 के पहले हो गया था तो यह संपत्ति सहदायिक संपत्ति है। यदि इस के बाद हुआ था और आप के दादा जी को भी यह सारी संपत्ति उन के पिताजी से प्राप्त हुई थी तब भी यह सारी संपत्ति सहदायिक है। यदि कोई संपत्ति दादाजी को उन के पिता से प्राप्त हुई थी और उसी संपत्ति के उपयोग से उन्हों ने नई संपत्तियाँ बनाई थीं तो भी वे भी सहदायिक हैं। लेकिन दादा जी ने कोई संपत्ति स्वयं बिना पिता से प्राप्त संपत्ति के सहयोग के बनाई थीं तो वे दादा जी की व्यक्तिगत संपत्तियाँ हैं और दादाजी का देहान्त 17 जून 1956 के बाद हुआ है तो वे संपत्तियाँ आप के पिता को उत्तराधिकार में प्राप्त हुई हैं और उन पर पिता के जीवित रहते आप का, आप के भाइयों, बहनों व माताजी का कोई अधिकार नहीं है।

ब जो सहदायिक संपत्तियाँ आप के पिता के पास हैं उन में आप का तथा आप भाइयों और बहनों  व पिता का समान हिस्सा है। आप की माता जी का कोई हिस्सा उन सम्पत्तियों में नहीं है। इस कारण से सहदायिक संपत्ति का यदि बँटवारा होता है तो आप को 1/6 हिस्सा प्राप्त होगा। इस बँटवारे से जो हिस्सा आप के पिता को प्राप्त होगा और जो उन के द्वारा व्यक्तिगत रूप से अर्जित संपत्ति होगी। यदि उस की कोई वसीयत आप के पिता नहीं करते हैं और उसे किसी अन्य रीति से हस्तान्तरित भी नहीं करते हैं तो आप के पिता के जीवनकाल के उपरान्त वह संपत्ति उत्तराधिकार अधिनियम की धारा 8 के अनुसार उत्तराधिकार में प्राप्त होगी उस में आप, आप के भाइयों, आप की बहन और आप की माता जी में से प्रत्येक को 1/6 हिस्सा प्राप्त होगा।

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