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अवयस्क की संपत्ति के विक्रय के लिए न्यायालय की अनुमति प्राप्त करनी होगी।

समस्या-

मेरे मकान की बगल में एक मकान है। उसे खरीदने की बात चल रही है, लेकिन वो सम्पत्ति दान से प्राप्त की गयी है। जिसके नाम से मकान था उसकी मृत्यु हो गई है, उनकी पत्नी, 2 पुत्री और 1 पुत्र है  पुत्र की भी मृत्यु हो गई है। पुत्र की 1 बेटी है। पुत्र की पत्नी ने दूसरी शादी कर ली, क्या पुत्र की बेटी का भी हिस्सा बनेगा और मकान जिसके नाम था उसकी पत्नी और 2 पुत्री 1 बहू जो पुत्र के मृत्यु के बाद दूसरी शादी कर ली क्या उसका हिस्सा बनेगा? या पुत्र की बेटी का हिस्सा बनेगा कृपया समाधान बताए इसमें कितने लोग हिस्सेदार होगे यह भी बताए?

– अभिषेक, वाराणसी, उत्तर प्रदेश

समाधान-

मकान जिस व्यक्ति का था अर्थात जो उस का स्वामी था, उसकी मृत्यु हो गयी है, उसे वह दान में प्राप्त हुआ था। दान में मकान प्राप्त होने से वह उस व्यक्ति की स्वअर्जित संपत्ति हुई। इस का उत्तराधिकार हिन्दू उत्तराधिकार अधिनियम की धारा -8 से तय होगा।

मृतक के उत्तराधिकारियों में उस की पत्नी, 2 पुत्रियाँ और 1 पुत्र था, जिस में से पुत्र की मृत्यु हो गयी है। यहाँ एक तथ्य आपने नहीं बताया है कि पुत्र की मृत्यु और पुत्र वधु का विवाह मकान के स्वामी की मृत्यु के पूर्व हो गए या बाद में?

यदि पुत्र की मृत्यु और पुत्रवधु का दूसरा विवाह मकान के स्वामी की मृत्यु के पूर्व हो चुका था तो पुत्रवधु को उत्तराधिकार में उस मकान का की हिस्सा नहीं मिलेगा। लेकिन यदि पुत्रवधु का विवाह मकान के स्वामी की मृत्यु के बाद हुआ है तो वह मकान में हिस्से की अधिकारी है।

पुत्रवधु का विवाह स्वामी की मृत्यु के पूर्व हो जाने पर मृतक मकान स्वामी की पत्नी, दोनों पुत्रियों और पुत्र की पुत्री का समान हिस्सा है। अर्थात प्रत्येका हिस्सा ¼ है।

लेकिन यदि पुत्रवधु का विवाह मकान के स्वामी की मृत्यु के उपरान्त हुआ है तो पुत्रवधु भी हिस्से की अधिकारिणी है उस का और उसकी पुत्री का हिस्सा 1/8 होगा तथा शेष उत्तराधिकारियों का हिस्सा वैसा ही रहेगा।

यदि संपत्ति के सभी स्वामियों में से कोई भी व्यक्ति अवयस्क अर्थात 18 वर्ष से कम उम्र का है तो उस की संपत्ति न्यायालय की अनुमति के बिना नहीं बेची जा सकती है। जिला न्यायाधीश या पारिवारिक न्यायाधीश के न्यायालय में अनुमति का आवेदन देना होगा। जिसमें बताना होगा कि किन परिस्थियों में सम्पत्ति को विक्रय किया जा रहा है। न्यायालय अनुमति देगा लेकिन वह यह आदेश दे सकता है कि मकान के बेचने से प्राप्त धनराशि में से अवयस्क का हिस्से की धनराशि को बैंक में सावधि जमा में तब तक जमा कर दिया जाए जब तक कि वह वयस्क नहीं हो जाता है।

आपको यह सावधानी बरतनी पड़ेगी कि मकान तभी खरीदें जब कि विक्रेता अवयस्क का हिस्सा बेचने की अनुमति न्यायालय से प्राप्त कर लें।

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